
कोलकाता, 26 जून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में डिवाइन ब्लिस फाउंडेशन की ओर से 24 जून को प्रज्ञा भवन, कोलकाता में प्रज्ञा फाउंडेशन एवं रोटरी क्लब ऑफ कासबा के सहयोग से विशेष प्रज्ञा क्रिया कार्यशाला का आयोजन किया । इस कार्यशाला का उद्देश्य था प्राचीन योग विज्ञान पर आधारित प्रज्ञा क्रिया के माध्यम से आंतरिक जागरूकता और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
कार्यक्रम के संयोजक इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के निदेशक एवं योग व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल ने आज के तनावपूर्ण और तेज़ जीवन में प्रज्ञा क्रिया की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्राचीन भारतीय ज्ञान पर आधारित यह अनोखी साधना श्वास, चेतना और ध्यानात्मक गतियों को समाहित कर आंतरिक चेतना को जागृत करती है। उन्होंने प्रज्ञा क्रिया के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन किया, जिसमें प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और इस अभ्यास के शांतिदायक व ऊर्जावान प्रभाव को प्रत्यक्ष अनुभव किया।
कार्यक्रम में श्री विष्णुनाथ सुरेका, रतनलाल अग्रवाल एवं एडवोकेट किशन किल्ला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । उन्होंने अपने भाषणों में योग की राष्ट्र और व्यक्ति के विकास में भूमिका को रेखांकित किया तथा आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में श्रीमती रत्ना सेन, आशीष बसाक, वेद प्रकाश गुप्ता, देबाशीष चौधरी एवं सशी छेत्री एवं कई अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे – उन्होंने योग की परिवर्तनकारी शक्ति पर अपने विचार साझा किए और समाज में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ तथा यह सामूहिक संकल्प लिया गया कि योग को केवल एक शारीरिक अभ्यास न मानकर आत्मिक शांति और आत्मबोध की दिशा में जीवन का अंग बनाया जाएगा।