कोलकाता, 20 जून।

विधानसभा में लगातार दूसरे दिन भाजपा विधायकों के व्यवहार को ‘असंसदीय’ करार देते हुए अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने शुक्रवार को एक बार फिर उनके भाषण को कार्यवृत्त से हटाने का फैसला किया। इस निर्णय के खिलाफ भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया और बाद में काले मास्क पहनकर विधानसभा सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया। उनके हाथों में प्लेकार्ड थे, जिन पर लिखा था – “चुप, विधानसभा चल रही है!”

गुरुवार को बिक्री कर (सेल टैक्स) से जुड़ी चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अपनी बात रखने के बाद बिना जवाब सुने ही सदन से बाहर चले गए थे। इस पर मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने अध्यक्ष से अपील की कि भाजपा विधायकों की यह कार्रवाई ‘असंसदीय’ और ‘असौजन्यपूर्ण’ है, इसलिए उनके भाषण को रिकॉर्ड से हटाया जाए। अध्यक्ष ने इसे स्वीकारते हुए गुरुवार की कार्यवाही से उनके बयान हटा दिए।

शुक्रवार को जैसे ही खेल विश्वविद्यालय बिल पर चर्चा शुरू हुई, भाजपा विधायक शंकर घोष ने बोलना शुरू किया। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार की घटना को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। घोष ने पलटवार करते हुए कहा, “शासक दल के विधायक यह तय नहीं कर सकते कि विपक्ष कैसे बोलेगा या क्या करेगा।”

अध्यक्ष ने शंकर घोष से आग्रह किया कि वे आज सदन में मौजूद रहें और किसी भी सूरत में वॉकआउट न करें। लेकिन घोष ने कोई आश्वासन नहीं दिया और हंगामे के बीच अपना भाषण जारी रखा। इसके बाद अध्यक्ष ने निर्णय लिया कि शंकर घोष का भाषण रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।

इस फैसले से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद शंकर घोष समेत भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए और विधानसभा की सीढ़ियों पर काले मास्क पहनकर धरने पर बैठ गए। उनके हाथों में पोस्टर था, जिस पर लिखा था – “चुप, विधानसभा चल रही है!”

तृणमूल कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा का “राजनीतिक स्टंट” करार दिया है, जबकि भाजपा का आरोप है कि विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।