
कोलकाता, 19 जून । पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की कालीगंज विधानसभा उपचुनाव के तहत गुरुवार को मतदान शुरू होने के साथ ही विवादों का दौर भी शुरू हो गया। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंटों को बूथ से बाहर निकालने की कोशिश की है, जिससे मतदान शुरू होने से पहले ही विवाद उत्पन्न हो गया।
कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि अनंतपुर क्षेत्र के 204 नंबर बूथ और मीरा वन हरिजन प्राइमरी स्कूल स्थित 21 नंबर बूथ से उनके एजेंटों को बूथ में बैठने नहीं दिया गया। कांग्रेस का दावा है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर उनके प्रतिनिधियों को बाहर निकाला, हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी आशीष घोष ने भी आरोप लगाया है कि उनके दो एजेंटों को मीरा वन बड़चांदगढ़ के 21 और 56 नंबर बूथों में बैठने से रोका गया। घोष ने कहा कि वे स्वयं इन दोनों बूथों पर जाएंगे और हालात का जायजा लेंगे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “यह तृणमूल की संस्कृति है—बूथ जाम, छप्पा वोटिंग, रिगिंग। वे जानते हैं कि कालीगंज में उनके पास जमीन खिसक चुकी है और जनता अब उनके साथ नहीं है। लेकिन हम इसे नहीं चलने देंगे।”
भाजपा प्रत्याशी ने 168 नंबर बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि यह सब सुबह-सुबह मतदान प्रक्रिया को बाधित करने की योजना का हिस्सा है, ताकि भाजपा समर्थक वोटर परेशान हों और मतदान से दूर रहें। —–
चुनाव आयोग से कांग्रेस और भाजपा दोनों ने की शिकायत
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने स्तर पर चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा उम्मीदवार आशीष घोष ने स्वयं मतदान कर दिया है और पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और वाम-कांग्रेस गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। इलाके में 162 मतदान केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है, जिनमें 14 कंपनियां केंद्रीय बलों की हैं। इसके अलावा प्रत्येक बूथ पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। राज्य, ज़िला और विधानसभा स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं और हर स्तर पर एक नोडल अधिकारी निगरानी में तैनात है।