नई दिल्ली, 4 दिसंबर। देश में 14 हवाई अड्डे सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत संचालित हो रहे हैं। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के 25 हवाई अड्डे वर्ष 2022 से 2025 तक पट्टे पर देने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेनि.) डा. वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
डा. वीके सिंह ने बताया कि योजना के तहत देश में हवाई अड्डों के विकास के लिए 4500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसी तरह से तमिलनाडु राज्य में हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए 97.88 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से अब तक 94.51 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। तमिलनाडु सहित देश में 50 नए हवाई अड्डों व हेलीपोर्ट व जल हवाई अड्डों के विकास और संचालन के लिए 2023-26 की अवधि में योजना के दूसरे चरण के तहत 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने उड़ान योजना के तहत 1000 उड़ान मार्गों को चालू करने और उड़ानों के संचालन के लिए 2024 तक देश में 100 अपर्युक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, जल हवाई अड्डों को कार्यशील व विकसित करने का लक्ष्य रखा है। 517 क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना मार्गों में अब तक 76 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए परिचालन शुरू कर दिया है। इनमें 9 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डे शामिल हैं। इस योजना का लाभ अब तक 130 लाख से अधिक लोग उठा चुके हैं।