कोलकाता, 14 जून  ।2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बीरभूम ज़िले में संगठन को मज़बूती देने के लिए तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह सक्रिय हो गई है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि आपसी मतभेद और टकराव को दरकिनार कर अब सभी नेताओं को मिलकर काम करना होगा। इसी संदेश के तहत शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्सी ने तृणमूल के दो प्रभावशाली नेताओं—अणुव्रत मंडल और काजल शेख—को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे एकजुट होकर संगठन के लिए काम करें, वरना दोनों को पार्टी के कोप का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी ने ये निर्णय ऐसे समय में लिया है जब मंडल ने पुलिस अधिकारी की पत्नी और मां को दुष्कर्म की धमकी दी है।

शनिवार को कोलकाता में तृणमूल के राज्य स्तरीय संगठन की बैठक बुलाई गई थी, जो मुख्यतः आगामी 21 जुलाई के शहीद दिवस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर थी। इस बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष, चेयरमैन और कोर कमिटी के सदस्य मौजूद थे। बैठक शुरू होने से पहले बक्सी ने अणुव्रत मंडल और काजल शेख के साथ अलग से बैठक की, जिसमें दोनों को कड़ी फटकार लगाई गई।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, बक्सी ने सख्त लहजे में दोनों नेताओं से कहा कि उनके आपसी विवाद और व्यक्तिगत खींचतान संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यदि इन टकरावों का असर चुनावी परिणामों पर पड़ा, तो इसकी ज़िम्मेदारी दोनों को लेनी होगी। उन्हें यह भी स्पष्ट निर्देश दिया गया कि इस बैठक की कोई भी जानकारी मीडिया में नहीं दी जाएगी।

मंडल के लिए यह समय पहले से ही कठिन चल रहा है। जेल से छूटने के बाद वह न केवल स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, बल्कि हाल ही में एक वायरल ऑडियो क्लिप के कारण और विवादों में फंस गए हैं, जिसमें उन्हें एक पुलिस अधिकारी को अश्लील भाषा में धमकाते हुए सुना गया। संगठन में भी उनकी भूमिका घटा दी गई है और अब वह केवल कोर कमिटी के सदस्य हैं।

इन हालातों के बीच पार्टी ने उन्हें और काजल शेख को कोलकाता तलब कर एक सख्त संकेत दिया है कि अब गुटबाज़ी नहीं चलेगी। 2026 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए तृणमूल किसी भी तरह के आंतरिक संघर्ष को संगठन के लिए खतरा मान रही है, और अब उसका मकसद साफ है—बीरभूम में फिर से मज़बूत और एकजुट तृणमूल।