जयपुर, 03 दिसंबर। राजस्थान विधानसभा चुनाव इस बार कई मायनों में रिश्तों को लेकर भी याद किया जाएगा। रिश्ते भी ऐसे कि कहीं चाचा-भतीजी एक-दूसरे दल से आमने-सामने थे तो कही पति और पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में कहीं चाचा ने भतीजी को हराकर चुनाव जीत लिया तो कहीं पति ने पत्नी को हराकर विजयश्री का वरण किया।

नागौर सीट पर कांग्रेस-भाजपा में रिश्तों का मुकाबला था। यहां कांग्रेस ने चाचा हरेन्द्र मिर्धा को टिकट दिया था, तो भाजपा ने पूर्व सांसद ज्याेति मिर्धा को मैदान में उतारा था। यहां दिग्गज कांग्रेसी मिर्धा परिवार की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने भी इसी परिवार से उनके चाचा हरेंद्र मिर्धा को टिकट देकर मुकाबला रोमांचक बना दिया था। नतीजों में चाचा ने अपनी भतीजी को हरा दिया है। इस सीट पर कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा 13 हजार 970 वोटों से भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा से जीत गए हैं।

सीकर जिले की दांतारामगढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी रीटा सिंह को हरा दिया है। रीटा सिंह तीसरे नंबर पर रही हैं। वीरेंद्र सिंह ने 7997 वोट से भाजपा के गजानंद कुमावत को हराया।

इसी तरह, रिश्तों के एक अन्य मुकाबले में धौलपुर सीट से कांग्रेस की शोभारानी कुशवाह ने अपने जीजा और भाजपा प्रत्याशी शिवचरण कुशवाह को हरा दिया। वहीं, दामाद और ससुर ने एक साथ चुनाव में जीत हासिल की है। फुलेरा से कांग्रेस के विद्याधर सिंह चौधरी जीत गए, तो उनके दामाद और भाजपा प्रत्याशी शैलेष सिंह ने डीग-कुम्हेर से जीत दर्ज की है।

इस सीट पर पहली बार खुला भाजपा का खाता

झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ विधानसभा सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खुला है। भाजपा प्रत्याशी विक्रम सिंह जाखल ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार शर्मा को 23 हजार 180 वोट से हराया है। विक्रम सिंह को 1 लाख 12 हजार 37 वोट मिले, वहीं शर्मा को 88 हजार 857 वोट मिले।