नई दिल्ली, 23 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश में वैश्विक उच्च शिक्षा के ऐतिहासिक विकास के दरवाजे खोल दिए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अमेरिका के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इलिनोइस टेक) को देश में अपना परिसर स्थापित करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। नई शिक्षा नीति के बाद भारत में अपना परिसर स्थापित करने वाला इलिनोइस टेक पहला संस्थान होगा। यह अमेरिकी संस्थान विद्यार्थियों को कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग और व्यवसाय जैसे उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की सुविधा प्रदान करेगा।

गल्फ न्यूज ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलू टटोले

संयुक्त अरब अमीरात से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार ‘गल्फ न्यूज’ ने आज अपनी वेबसाइट पर भारत की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हो रहे शैक्षणिक बदलाव पर विस्तृत रिपोर्ट में कई अहम जानकारी दी है। ‘गल्फ न्यूज’ के अनुसार, इलिनोइस टेक का परिसर 2026 तक भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में खुल जाएगा। अखबार का कहना है कि यह पहल भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है। इसका उद्देश्य विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के भारत में प्रवेश को सुगम बनाकर देश को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करना है। नीति में 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी तक भारत को ज्ञान-संचालित समाज के रूप में देखने की कल्पना की गई है। इलिनोइस टेक का यह कदम विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।

यूजीसी ने दी पांच विदेशी विश्वविद्यालयों को मंजूरी

गल्फ न्यूज के अनुसार, यूजीसी ने पांच प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों की स्थापना को मंजूरी दी है। यह हैं-लिवरपूल विश्वविद्यालय (यूके), विक्टोरिया विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया), वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया) और इस्टिटुटो यूरोपियो डी डिजाइन (इटली)। इसके अतिरिक्त यॉर्क विश्वविद्यालय (यूके) ने 2026-27 शैक्षणिक वर्ष से कंप्यूटर विज्ञान, एआई, साइबर सुरक्षा, व्यवसाय, अर्थशास्त्र और रचनात्मक उद्योगों में पाठ्यक्रम प्रदान करते हुए मुंबई में एक परिसर खोलने की योजना बनाई है। इंपीरियल कॉलेज लंदन ने एआई, दूरसंचार, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य तकनीक और स्वच्छ तकनीक जैसे क्षेत्रों में भारतीय संस्थानों के साथ अनुसंधान और नवाचार सहयोग को मजबूत करने के लिए बेंगलुरु में एक विज्ञान केंद्र भी शुरू किया है।

देश के युवाओं के लिए नया युग

गल्फ न्यूज का आकलन है कि यह भारत के युवाओं के लिए नया युग है। यह बदलाव भारतीय छात्रों को विदेश में अध्ययन करने की आवश्यकता के बिना वैश्विक शैक्षिक मानकों तक पहुच प्रदान करता है। भारत में खुलने वाले इन परिसरों में अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम का उपलब्ध होना अपने आप में बहुत बड़ा ऐतिहासिक अवसर है। यह छात्रों को विस्तारित शैक्षणिक विकल्प प्रदान करना है। वैश्विक विश्वविद्यालयों के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देशों में पाठ्यक्रम डिजाइन में स्वायत्तता, प्रवेश मानदंड और शुल्क संरचना निर्धारित करने की स्वतंत्रता और देश के भीतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त डिग्री प्रदान करना शामिल है।