
कोलकाता, 18 जनवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एक बार फिर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने बिहार सरकार की हालिया घोषणाओं का हवाला देते हुए कहा कि चाहे वह महंगाई भत्ता (डीए) हो या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शहीदों के परिवारों को मुआवजा देने का मामला, हर मोर्चे पर बंगाल सरकार बिहार से पीछे है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए डीए में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए इसे अब केंद्र सरकार के बराबर यानी 55 प्रतिशत तक कर दिया है। इसके उलट पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी अभी भी केवल 18 प्रतिशत डीए पर निर्भर हैं, जो कि बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य कर्मचारियों को तत्काल 25 प्रतिशत डीए बकाया राशि का भुगतान करे। इस आदेश के अनुसार, राज्य सरकार पर लगभग 12 हजार करोड़ का वित्तीय बोझ आ सकता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बलिदान हुए जवानों के परिवारों को मुआवजा देने के मामले में भी अधिकारी ने ममता सरकार की आलोचना की। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने राज्य के शहीद जवान के परिवार को मात्र 10 लाख की सहायता दी, जबकि बिहार सरकार ने 50 लाख का मुआवजा घोषित किया है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, बिहार जैसे शराबबंदी वाले राज्य में भी वित्तीय समझदारी दिखाते हुए डीए में बढ़ोतरी करना सराहनीय है। वहीं, पश्चिम बंगाल में उत्पाद शुल्क (एक्साइज टैक्स) राज्य के कुल कर राजस्व का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है, जो कुल संग्रह का 20 प्रतिशत से भी अधिक है। इसके बावजूद राज्य सरकार कर्मचारियों और शहीदों के परिवारों को समुचित वित्तीय सहायता देने में विफल रही है।
शुभेंदु अधिकारी का यह बयान राज्य की आर्थिक नीतियों और संवेदनशील मुद्दों पर ममता सरकार की कार्यशैली को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। आगामी चुनावों को देखते हुए इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान और तेज होने की संभावना है।