रांची 18 मार्च। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि आखिर हेमंत सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में बने स्टेज को ध्वस्त करने का निर्णय क्यों लिया। वो भी तब, जबकि इस स्टेज का उपयोग न सिर्फ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस के अवसर पर किया जाता था, बल्कि यह अनेक ऐतिहासिक घटनाओं और रैलियां का साक्षी भी रहा है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी स्टेज से दो बार शपथ भी ली है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस स्टेज से स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रस्तुति दिया करते थे। इस बहुउद्देशीय स्टेज को ध्वस्त करने के पीछे हेमंत सरकार की ओर से कोई ठोस कारण नहीं बताना यह स्पष्ट करता है कि यह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई धरोहरों को मिटाने में लगी है। हेमंत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर इस स्टेज को ध्वस्त करने के पीछे किन संगठनों ने मांग उठाई थी। जब इस स्टेज का इतने अच्छे से उपयोग हो रहा था, तो फिर ध्वस्त करने के पीछे का कारण क्या है ?

प्रवक्ता प्रतुल ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार साढ़ेे पांच वर्षों से लगातार सत्ता में थी। उस समय तक स्टेज से कोई परेशानी नहीं थी। फिर अचानक एक दिन इस पूरे स्टेज को ध्वस्त करने का कार्य कैसे प्रारंभ हुआ। क्या यह ध्वस्त करने की चल रही प्रक्रिया एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है?

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार के अलग-अलग विभाग फंड की कमी का रोना रोते हैं। मंईयां सम्मान योजना की राशि का भुगतान करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग , पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जैसे जनता से जुड़े विभागों की राशि को डाइवर्ट कर दिया जाता है। हर दूसरे दिन सरकार का कोई ना कोई मंत्री फंड की कमी का रोना रोता है। दूसरी तरफ बहुउद्देशीय प्रयोग में लाने की सोच से बनी चीजों को सरकार आकरण ध्वस्त करती है। यह तो अबुआ सरकार न होकर बिना ठोस कारण के स्मारकों का विध्वंस करने वाली सरकार बन गई है।