कोलकाता, 28 नवंबर। शब्दाक्षर हरिद्वार साहित्योत्सव-2023 के तीसरे दिन देश के 25 प्रदेश एवं विभिन्न जिलों से आये साहित्य साधकों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ पढ़ीं। संस्था की राष्ट्रीय प्रवक्ता सह प्रसारण प्रभारी डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सह आयोजन प्रमुख डॉ बुद्धिनाथ मिश्र व व्यवस्था प्रमुख केवल कोठारी की उपस्थिति और देखरेख में तीसरे दिन का संपूर्ण आयोजन छह अलग-अलग सत्रों में संपन्न हुआ।
पहले काव्य सत्र की अध्यक्षता स्वयं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ रश्मि ने की। संचालन किया शब्दाक्षर की दिल्ली इकाई की साहित्य मंत्री डॉ स्मृति कुलश्रेष्ठ ने। द्वितीय काव्य सत्र की अध्यक्षता करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह स्वयं ही उपलब्ध रहे। इस सत्र के संचालन का दायित्व अहमदाबाद की जिलाध्यक्ष कुसुम सोनी ने निभाया. तीसरे काव्य सत्र की अध्यक्षता की उत्तराखंड शब्दाक्षर के अध्यक्ष डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने। इस सत्र का संचालन शब्दाक्षर के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्यामल मजूमदार ने किया। चौथे सत्र की अध्यक्षता की जिम्मेदारी शब्दाक्षर के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र के कंधों पर थी। संचालक थे शब्दाक्षर कटनी (मध्य प्रदेश) के जिला अध्यक्ष लखन डेहरिया अनजान। पांचवे काव्य सत्र की अध्यक्षता का भार हरिद्वार साहित्योत्सव के व्यवस्था प्रमुख सह शब्दाक्षर के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष केवल कोठारी ने उठाया। उनके साथ मंच संचालन की जिम्मेदारी शब्दाक्षर के मध्य प्रदेश अध्यक्ष राजीव खरे ने निभायी। अंतिम काव्य सत्र की अध्यक्षता की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दया शंकर मिश्र ने। इस सत्र के संचालन की जिम्मेदारी मधु पारेख को सौंपी गयी।
ऊपरोक्त काव्य सत्रों में डॉ अंबिका मोदी, अनमोल भास्कर, डॉ संजय त्रिपाठी, गीता अग्रवाल, मधु सक्सेना, ज्योति नारायण, वनिता चोपड़ा, संतोष संप्रीति, राजकुमार प्रतापगढ़िया, सुमन सुरभि, अंकुर सहाय, शंकर जयपुरी, जनार्दन मिश्र जलज, योगेश बेखुद, कृष्ण प्रकाश अग्रवाल, नागेंद्र केशरी, लिंगम चिरंजीव राव, सुधा मिश्रा द्विवेदी, नीलिमा मिश्रा, बलवान सिंह मानव, अजय कुमार वैद्य, पदम सिंह चौधरी, श्याम नारायण चौबे, अनुराग सैनी, मीना शर्मा, विश्वजीत शर्मा सागर, सागर शर्मा आजाद आदि कवियों के साथ ही सभी सत्रों के अध्यक्ष एवं संचालकों ने भी काव्य पाठ किये। काव्योत्सव में शब्दाक्षर सोनभद्र (यूपी) की जिलाध्यक्षा सपना पांडेय के छह वर्षीय पुत्र हर्ष शुक्ला ने भी कविता सुनायी। अल्पायु हर्ष ने बड़े होकर शब्दाक्षर का परचम लहराने का प्रण भी लिया। इस दौरान अनामिका सिंह, निशांत सिंह गुलशन, जीवन सिंह और अमन शुक्ला आदि की उपस्थिति भी खास थी। कार्यक्रम का समापन डॉ बुद्धिनाथ मिश्र के उत्साहभरे संदेशों से लबरेज संबोधन तथा उनके अविस्मरणीय सुमधुर गीतों के साथ हुआ। उल्लेखनीय है कि श्रोताओं पर अपने गीतों से विशिष्ट छाप छोड़नेवाले डॉ मिश्र को चाहनेवाले उन्हें ‘गीत ऋषि’ कह कर भी संबोधित करते हैं