कोलकाता, 01 मई । पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष दीघा के जगन्नाथ मंदिर दर्शन को लेकर अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना कर रहे हैं। बुधवार को अपनी नवविवाहित पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ मंदिर पहुंचे घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की, जिसके बाद उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं हैं।

हालांकि घोष ने इन अटकलों को सिरे से खारिज किया। कोलाघाट में कोलकाता लौटते समय उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना किया। इस दौरान घोष ने नाराज कार्यकर्ताओं से तीखे शब्दों में कहा, “जब मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तब पार्टी ने बंगाल में अपनी ताकत बढ़ाई। हमारे 250 से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दी। लेकिन जब से दलाल पार्टी में आए हैं, तब से पार्टी का ग्राफ लगातार गिर रहा है।

घोष ने कहा कि अगर दुश्मनों से लड़ना है तो सही तरीके से लड़ो, ड्रामा मत करो। मैं पार्टी नहीं बदलने आया हूं बल्कि राज्य की राजनीति बदलने आया हूं।

दिलीप घोष ने 2015 में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद संभाला था और 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। मंदिर दर्शन को लेकर उठे सवालों पर घोष ने कहा कि हमारे दल ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया कि हमें निमंत्रण स्वीकार नहीं करना चाहिए। मुझे आमंत्रित किया गया था और मैं आया। मेरे पास साहस है।

घोष ने कहा कि लाखों लोग अयोध्या के राम मंदिर या काशी विश्वनाथ मंदिर क्यों जाते हैं? ममता बनर्जी ने भी अपने नेताओं से कुंभ मेला न जाने को कहा था, लेकिन फिर भी कई लोग गए। क्या उन्होंने कोई अपराध किया? मंदिर किसने बनवाया, यह महत्वपूर्ण नहीं है, लोग वहां ईश्वर के दर्शन के लिए जाते हैं।

तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर घोष ने तल्खी से कहा कि मैं क्यों जाऊंगा? मेरा समय खराब नहीं चल रहा। मैं पिछले 10 वर्षों में नहीं बदला और न ही पार्टी बदली, जैसा कि कई लोग हर चुनाव के समय करते हैं। दिलीप घोष को किसी दल में जाने की जरूरत नहीं।

घोष की ममता बनर्जी से हुई मुलाकात का वीडियो मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर लाइव किया गया, जिसने भाजपा के भीतर असंतोष को और गहरा कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वप्न दासगुप्ता ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि घोष और ममता बनर्जी की बैठक को लेकर जमीनी स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है, जिसे राष्ट्रीय नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता।

दिलीप घोष ने आलोचनाओं पर कहा कि लोग दिलीप घोष के बारे में बात करते रहते हैं। चाहे नकारात्मक ही सही, लेकिन यह मेरे लिए प्रचार जैसा है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि पार्टी इस दौरे का समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि यह दिलीप दा का व्यक्तिगत फैसला था। हमारी पार्टी के कई विधायक भी आमंत्रित थे, लेकिन राज्य में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के चलते किसी ने नहीं जाना उचित समझा।

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहना चाहता।