
कोलकाता, 30 अप्रैल । कोलकाता महानगर के बड़ाबाजार के मछुआ में स्थित होटल ऋतुराज में मंगलवार रात लगी आग में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में एक व्यक्ति की पहचान आनंद पासवान के रूप में हुई है। पासवान ने जान बचाने के लिए ऊपरी मंज़िल से छलांग लगा दी। उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आग लगने के बाद होटल में धुआं भर गया। पूरी इमारत गैस चेंबर में तब्दील हो गई। धुएं के चलते दमकलकर्मी भीतर प्रवेश नहीं कर पा रहे थे। अंततः चौथी और पांचवीं मंजिल की खिड़कियां तोड़कर दमकलकर्मी सीढ़ियों की सहायता से अंदर घुसे। होटल में कई लोग फंसे हुए थे, जिनमें से कई की दम घुटने से मौत हो गई। कई लोग खिड़कियों और कार्निश पर चढ़कर जान बचाने की कोशिश करते दिखे। उन्हें दमकल की सीढ़ियों से नीचे उतारा गया। बताया गया है कि होटल में कुल 47 कमरे हैं और लगभग सभी कमरे भरे हुए थे।
होटल में पश्चिम बंगाल के अलावा कई दूसरे राज्यों के लोग भी ठहरे हुए थे। मंगलवार शाम लगभग 7:30 बजे आग लगी। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। बाद में और पांच गाड़ियों को लाना पड़ा। आग इतनी भयावह थी कि उसे पूरी तरह बुझाने में दमकल कर्मियों को करीब आठ घंटे लग गए, लेकिन बुधवार सुबह के समय भी मलबे में लोगों के फंसे होने की आशंका बनी हुई है और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
कोलकाता पुलिस के आयुक्त मनोज वर्मा ने बताया कि जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है। आज फॉरेंसिक टीम जांच के लिए पहुंचेगी।जिस इमारत में आग लगी, वह सेंट्रल एवेन्यू और विधान सरणी को जोड़ने वाली एक संकरी गली में स्थित है। यह मुस्लिम बहुत क्षेत्र है और आसपास कई दुकानें और रिहायशी मकान हैं। इस कारण आग के तेजी से फैलने का खतरा और अधिक था। घनी बस्ती और फुटपाथ पर कब्जा होने की वजह से दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने और आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।रात भर चले राहत कार्य के दौरान राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम, पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा और राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा घटनास्थल पर मौजूद रहे। सभी ने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की और स्थिति पर नजर बनाए रखी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिलहाल दीघा में मौजूद हैं, जहां उन्हें जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करना है। वहीं से उन्होंने इस आग के बारे में फोन कर शासन और मंत्रिमंडल के अपने अधिकारियों से जानकारी ली।
स्थानीय लोगों में भारी दहशतहादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। स्थानीय लोग और प्रत्यक्षदर्शी अभी भी सदमे में हैं। आग लगने के कारणों को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। दमकल विभाग और पुलिस की टीमों के अलावा स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं भी राहत कार्य में लगी हुई हैं।यह घटना कोलकाता के इतिहास में होटल में लगी सबसे भयावह आग की घटनाओं में से एक मानी जा रही है। मृतकों की पहचान और उनके परिजनों को सूचित करने की प्रक्रिया भी जारी है। पुलिस ने इस मामले में होटल प्रबंधन पर अग्निशमन व्यवस्था को लेकर लापरवाही की संभावना से इनकार नहीं किया है।