
बीजापुर, 24 अप्रैल । छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान तीसरे दिन गुरूवार काे भी जारी है। दो दिन पहले ही इस नक्सल अभियान के लिए वायु सेना के एमआई 17 हेलिकॉप्टर काे बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किया गया है। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके पर नजर रखी जा रही है।
इस विशेष नक्सल विराेधी अभियान पर छत्तीसगढ़ सहित देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर टिकी हुई है। बीजापुर सहित महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के आला अधिकारी मौजूद हैं। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इस ऑपरेशन पर तीन राज्यों से नजर रखी जा रही है। जवानों के निशाने पर कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी है, जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के बाद नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में बस्तर के डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ, बस्तर फाइटर, महाराष्ट्र से सी-60 कमांडो और आंध्र के ग्रेहाउंड्स फोर्स के जवानों को शामिल किया गया है। इस विशेष नक्सल विराेधी अभियान में अब तक कई नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, लेकिन अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
जानकारी के अनुसार सैकड़ाें नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना पर छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर लगभग पांच हजार जवान तैनात किए गए हैं। जवानों ने हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेरने का दावा किया जा रहा है। इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं । बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, डिविजनल कमेटी मेंबर, एरिया कमेटी मेंबर, संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स ते नक्सली भी मौजूद होने की खबर हैं।
पुलिय के अनुसार नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है, घेराबंदी का दायरा नक्सलियाें के ठिकाने की ओर बढ़ रहा है। इस अभियान की सबसे बड़ी चुनौती नक्सलियों के बड़े पैमाने पर बिछाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) हैं। अब तक 100 से अधिक आईईडी बरामद किए जा चुके हैं, जो जवानों को निशाना बनाने के लिए बिछाए गए थे। क्षेत्र में बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने का काम लगातार जारी है, जिससे जवान बेहद सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह अभियान राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त रणनीति का हिस्सा है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति स्थापना की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
इस अभियान के संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि पिछले 15 महीने से लगातार हमारे जवान मजबूती के साथ नक्सलवाद से लड़ रहे हैं। अभी तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। बड़े कैडर के नक्सलियों के मारे जाने को लेकर सीएम साय ने कहा कि ऑपरेशन जारी है। थोड़ा इंतजार करना होगा।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि बीजापुर-तेलंगाना सरहदी इलाकों में बड़ा ऑपरेशन जारी है। उन्होंने कहा कि चाहे नक्सली आकाश में छिपें या पाताल में अब उनका खात्मा होगा, वे किसी भी हाल में नहीं बक्शे जाएंगे, लाल आतंक का अंत होगा।