
कोलकाता, 21 अप्रैल । पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने संबंधी चर्चित मामले में अब सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। यह सुनवाई अब न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ द्वारा की जाएगी।
इससे पहले यह सुनवाई सात अप्रैल को होनी थी, लेकिन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति सौमेन सेन इस मामले से अलग हो गए थे। उनके हटने के बाद मामला मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के समक्ष गया, जिन्होंने अब नई तारीख और नया न्यायिक बेंच तय किया है।
सात अप्रैल को यह मामला न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास दे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन अचानक न्यायमूर्ति सेन के हटने से प्रक्रिया अटक गई। इसके बाद वकीलों ने अपील की कि मामला ऐसे बेंच को भेजा जाए जो तत्काल सुनवाई कर सके। इसी मांग के बीच अब 28 अप्रैल को सुनवाई तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि 2014 की टीईटी परीक्षा के आधार पर 2016 में प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तियां की गई थीं। लेकिन इन नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे। मई 2023 में तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 32,000 नियुक्तियों को रद्द करने का निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपील की थी, जिसकी सुनवाई अब तय हुई है।
इसी मुद्दे से जुड़ा एक और मामला भी है जिसमें न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने 42 हजार की भर्ती पैनल को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। फिलहाल इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिला हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही एसएससी की ओर से नियुक्त किए गए 25 हजार 752 नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है।