
वाशिंगटन, 20 अप्रैल।अमेरिका द्वारा एफ-1 स्टूडेंट वीजा स्टेट्स रद्द करने से वहां पर पढ़ रहे छात्रों का गुस्सा चरम पर है। स्टूडेंट बीजा रद्द करने के खिलाफ भारत के तीन और चीन के दो छात्रों ने अमेरिका के गृह विभाग और इमिग्रेशन अफसरों के खिलाफ न्यू हैम्पशायर की डिस्ट्रिक कोर्ट में याचिका दायर की गई है। छात्रों का आरोप है कि गैरकानूनी तरीके से अचानक बीजा रद्द करने से उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़कर जाना पड़ेगा।
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के मुताबिक याचिका दाखिल करने वाले भारत के
छात्र लिंकिथ बाबू गोरेला, धनुज कुमार गुम्माडावेली व मणिकंता पासुला और चीन के हैंगरुई झांग व हाओयांग शामिल हैं।
छात्रों की ओर से याचिका में कहा गया है कि एफ-1 स्टेट्स समाप्त होने के कारण छात्र न केवल अवैध प्रवासी की स्थति में आ गए हैं, बल्कि उन्हें डिटेंशन, डिपोर्टेशन के साथ ही शिक्षा के संकट का भी सामना करना पड़ेगा। अब वह अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाएंगे और ना ही वह ग्रुजेएशन के बाद दी जाने वाली ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकेंगे। छात्रों के वकीलों का तर्क है कि अमेरिकी सरकार ने वीजा स्टेट्स खत्म करने से पहले जरूरी नोटिस या सूचना नहीं दी।