
बिलासपुर/रायपुर, 17 अप्रैल । छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (जीजीसी विवि) के एनएसएस कैंप में नमाज पढ़ाने के मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने एनएसएस के सभी 12 कार्यक्रम अधिकारियों को हटा दिया है। बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठन के लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद आज विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार हटाए गए कार्यक्रम अधिकारियों में डाॅ. प्रीति सतवानी कम्प्यूटर साइंस एवं इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी यूजी इकाई, आशुतोष नायक सिविल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड कंप्यूटेशनल यूजी. इकाई, डाॅ. गीता मिश्रा, प्राणी शास्त्र विभाग इकाई, डाॅ. मधुलिका सिंह, वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग इकाई, डाॅ. ज्योति वर्मा, कला अध्ययन शाला विभाग इकाई, डाॅ. नीरज कुमार, रसायन विभाग इकाई, डाॅ. विकास चन्द, वनस्पति विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग इकाई, डाॅ. प्रमोद कुमार द्विवेदी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग इकाई, डाॅ. अश्वलेश्वर कुमार श्रीवास्तव कम्प्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इकाई, डाॅ. प्रशांत वैष्णव, कम्प्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इकाई, डाॅ. सूर्यभान सिंह, रसायन विभाग इकाई, डाॅ. वसंत कुमार, कला अध्ययन शाला विभाग इकाई शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 26 मार्च से एक अप्रैल तक एनएसएस कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें गुरुघासीदास विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे।इनमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, बाकी सभी हिंदू थे। आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन एनएसएस कैंप में जबरदस्ती छात्रों से नमाज पढ़ाई गई थी। छात्रों ने इस मामले की लिखित शिकायत थाने में की थी, जिस पर जांच शुरू हो गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को प्रभार सौंपा गया। जबकि बुधवार शाम विश्विद्यालय के छात्रों, एबीवीपी व हिंदूवादी संगठनों ने नमाज पढ़ाने के मामले को लेकर
विश्विविद्यालय के प्रशासनिक भवन के मेन गेट में जमकर हंगामा मचाया था। आंदोलन कर रहे छात्रों ने मामले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ वाइस चांसलर को हटाने की मांग की और “जीजीयू नहीं बनेगा जेएनयू के” नारे भी लगाए थे। करीब 4 घंटे तक चले हंगामे के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को बातचीत करने बुलाया, लेकिन कोई बात नहीं बनी थी।