कोलकाता, 12 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुके पश्चिम बंगाल के तीन शिक्षक शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के दावे को खोखला बताते हुए अभी भी अनशन पर बैठे हुए हैं। 2016 की एसएससी भर्ती परीक्षा में पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी करने की मांग को लेकर वे कोलकाता स्थित एसएससी कार्यालय के बाहर तीन दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

पंकज रॉय, सुमन बिस्वास और प्रताप कुमार साहा नामक ये शिक्षक 10 अप्रैल सुबह 11 बजे से आंदोलन पर हैं। इनकी मांग है कि सरकार साफ तौर पर बताए कि किन अभ्यर्थियों की नियुक्ति वैध थी और किनकी नहीं।

इस बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2016 की परीक्षा में शामिल 22 लाख अभ्यर्थियों की ओेएमआर शीट्स की डिजिटल प्रतियां एसएससी की वेबसाइट पर जारी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यदि कानूनी बाधा न आई, तो यह प्रक्रिया 21 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी।

हालांकि, भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षकों ने मंत्री की इस घोषणा को खारिज कर दिया है।

सुमन बिस्वास, जो नकाशीपाड़ा हाई स्कूल (नदिया) में शिक्षक थे, ने कहा कि ऐसे खोखले वादे अब हमारे लिए कोई मायने नहीं रखते। जब तक पात्र उम्मीदवारों की स्पष्ट सूची सार्वजनिक नहीं होती, हम पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने हाल ही में मंत्री, एसएससी अध्यक्ष और कुछ बर्खास्त शिक्षकों के बीच हुई बैठक को “ध्यान भटकाने की कोशिश” बताया।

बिस्वास ने यह भी कहा कि अगर भूख हड़ताल के कारण कोई गंभीर स्थिति बनती है, तो भी वे डरते नहीं हैं।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने तीन अप्रैल को 2016 की एसएससी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए 25 हजार 753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया को “दूषित और त्रुटिपूर्ण” करार दिया था।

एसएससी ने अदालत में दावा किया था कि ओएमआर शीट्स या उनकी डिजिटल कॉपियां मौजूद नहीं हैं क्योंकि उन्हें नष्ट कर दिया गया था। अदालत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

भाजपा सांसद और पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने भी शिक्षकों से जान जोखिम में डालने से बचने की अपील की है, लेकिन प्रदर्शनकारी शिक्षक अपने रुख पर कायम हैं।