पानीपत, 09 अप्रैल । अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ ने पानीपत के हैंडलूम निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। पानीपत से निर्यात होने वाला हैंडलूम उद्योग लगभग 20 हजार करोड़ रुपये सालाना का है, जिसमें से अकेले अमेरिका को ही लगभग 50 प्रतिशत हैंडलूम का माल निर्यात पानीपत से होता है। अब अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर यहां के हैंडलूम उद्योग पर देखने को मिल रहा है।

पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान विनोद धमीजा का कहना है कि पानीपत से अमेरिका जाने वाले वित्तीय तिमाही के आर्डर कैंसिल होने शुरू हो गए हैं क्योंकि पांच अप्रैल तक जो माल डिलीवर हो चुका है उस पर अमेरिका ने 10 प्रतिशत टैक्स लगाया है, जो माल 6 अप्रैल से होगा उस पर 26 प्रतिशत टैक्स की घोषणा वहां की सरकार ने कर दी है। इस कारण पानीपत का 50 प्रतिशत हैंडलूम उद्योग प्रभावित होगा।

अभि होम के सीईओ अभिजात पालीवाल ने बताया कि पानीपत से अमेरिका को लगभग 50 प्रतिशत माल निर्यात होता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से पानीपत हैंडलूम उद्योग पर 25 प्रतिशत नुकसान होने की संभावना है क्योंकि साल में चार सीजन होते हैं। यह माल इस सीजन के तीन महीने के सीजन के आर्डर पर तैयार हुआ था, फिर भी काफी आर्डर कैंसिल होने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस बारे में अमेरिकी सरकार से बातचीत करे और इस समस्या का स्थाई समाधान करवाए, अन्यथा पानीपत का विश्व प्रसिद्ध हैंडलूम उद्योग संकट में आ सकता है। अगर टैरिफ खत्म नहीं होता है तो मजबूरन पानीपत के निर्यातकों को उन देशों में अपने उद्योग स्थापित करने पड़ेंगे जिन देशों को इस टैरिफ से बाहर रखा गया है।

डायमंड एक्सपोर्ट के सीईओ सुनील वर्मा के अनुसार अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, क्योंकि टैक्स यहां की डिस्पैच की तारीख से लागू होगा या वहां पहुंचने की तारीख पर। क्योंकि पानीपत से अमेरिका तक माल पहुंचने में ही एक से डेढ़ महीने का समय लग जाता है, जो कि यह भ्रम की स्थिति पैदा करता है। इसलिए पानीपत के एक्सपोर्टरों ने आर्डर को होल्ड पर रख दिया है। अभी माल बनाना भी बंद कर दिया है, जिसका असर यहां के मजदूर पर भी पड़ेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।