
आयोग ने सभी राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए भेजा नोटिस
नई दिल्ली, 08 अप्रैल । राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने देशभर की जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों सहित कैदियों के सामने आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का स्वतः संज्ञान लिया। इनमें जेलों में क्षमता से अधिक कैदी, बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव शामिल है। देशभर की विभिन्न जेलों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट और शिकायतों के माध्यम से आयोग के विशेष मॉनीटर्स और प्रतिवेदक इन मुद्दों को आयोग के संज्ञान में लेकर आये। इस पर आयोग ने सभी राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए नोटिस जारी किया।
मंगलवार को एनएचआरसी ने बताया कि उठाई गई कुछ अन्य समस्याओं में महिला कैदियों के सम्मान और सुरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन, उनके खिलाफ बढ़ती हिंसा के कारण मानसिक परेशानी, पर्याप्त शौचालय, सैनिटरी नैपकिन, स्वच्छ पेयजल सुविधाएं, खराब गुणवत्ता वाला भोजन जिसके कारण विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण होता है, जेलों में उनके साथ रहने वाली महिला कैदियों के बच्चों को शिक्षा के अवसरों की कमी, कानूनी सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास सहित उनके कल्याण कार्यक्रमों का कार्यान्वयन न होना शामिल हैं।
आयोग ने सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिवों से चार सप्ताह के अंदर कई रिपोर्ट मांगी है जिसमें उनके राज्य की जेलों में बंद महिला कैदियों की संख्या,
उन महिला कैदियों की संख्या जिनके बच्चे माताओं के जेल में रहने के कारण जेलों में बंद हैं;
उन महिला कैदियों की संख्या, जो दोषी करार दी गई हैं और जो विचाराधीन कैदी हैं,
उन महिला विचाराधीन कैदियों की संख्या, जो एक वर्ष से अधिक समय से जेल में बंद हैं, पुरुष विचाराधीन कैदियों की संख्या और जो एक वर्ष से अधिक समय से जेल में बंद है शामिल है।