
चुनाव आयोग पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने जड़ा आरोप
कोलकाता, 4 मार्च ।तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद साकेत गोखले ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि डुप्लीकेट वोटर आईडी प्रकरण पर आयोग की सफाई एक कवर-अप है। चुनाव आयोग ने खुद अपने नियमों के खिलाफ सफाई दी है। यह साजिश विपक्षी दलों के वोटर को वोट देने से रोकने की तैयारी का हिस्सा है।
साकेत गोखले ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर लिखा कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 24 घंटे का समय दिया था, ताकि वह अपनी गलती माने, लेकिन आयोग ने अपनी गलती स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वोटर आईडी कार्ड को ईपीआईसी (इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड) कहा जाता है। उन्होंने चुनाव आयोग के हैंडबुक फॉर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स का हवाला देते हुए कहा कि ईपीआईसी जारी करने की प्रक्रिया तय है और उसमें डुप्लीकेट नंबर की कोई गुंजाइश नहीं होती।
उन्होंने कहा कि आयोग का कहना है कि अलग-अलग राज्यों में एक जैसे अल्फान्यूमेरिक सीरीज की वजह से डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर जारी हुए। इस पर गोखले ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र के लिए ईपीआईसी नंबर के पहले तीन अक्षर (एफयूएसएन) अलग होते हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल और हरियाणा या गुजरात जैसे राज्यों में एक ही नंबर जारी होना संभव ही नहीं है। आयोग का यह भी कहना है कि दो लोगों के पास एक जैसा ईपीआईसी नंबर होने पर भी वे केवल अपने क्षेत्र में वोट डाल सकते हैं। इस पर गोखले ने कहा कि फोटो वोटर लिस्ट में ईपीआईसी नंबर से फोटो जुड़ा होता है। अगर एक ही नंबर किसी और राज्य में किसी दूसरे व्यक्ति को जारी हुआ है तो फोटो मिलान नहीं होगा और वोट डालने से रोक दिया जाएगा। तीसरा यह कि आयोग का कहना है कि यह केवल कोड की गड़बड़ी है, इससे फर्क नहीं पड़ता। इस पर गोखले ने कहा कि चुनाव आयोग का सॉफ्टवेयर हर इस्तेमाल हुए और बचे हुए नंबर का रिकॉर्ड रखता है। ईपीआईसी नंबर एक स्थायी यूनिक आईडी होता है, जिसे दो लोगों को जारी करना संभव ही नहीं।गोखले ने मांग की कि चुनाव आयोग को यह साफ करना चाहिए कि अभी देश में कितने ईपीआईसी कार्ड एक्टिव हैं और उनमें कितने नंबर डुप्लीकेट हैं। साथ ही इस डुप्लीकेट वोटर आईडी घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।