नई दिल्ली, 04 मार्च । देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य पर केंद्रित लेखक राजेंद्र गोयनका की पुस्तक ‘संपूर्ण समाधान’ का विमोचन भारतीय संविधान क्लब के स्पीकर हाल में किया गया। प्रतिष्ठित प्रभात प्रकाशन से हिन्दी में छपकर आई इस पुस्तक के विमोचन अवसर पर सोमवार को प्रमुख रूप से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष ‘पद्मभूषण’ रामबहादुर राय और केंद्रीय जल शक्तिमंत्री सीआर पाटिल मौजूद रहे।

विमोचन समारोह की अध्यक्षता बहुभाषी संवाद समिति हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक पद्मभूषण रामबहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों में बदलाव लाने की क्षमता रखती है।भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया में इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। किताब का औपचारिक विमोचन केंद्रीयमंत्री पाटिल ने किया। उन्होंने कहा कि लेखक गोयनका ने ‘संपूर्ण समाधान’ में नीतिगत सुधारों और समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण विचार रखे हैं। पुस्तक में विविध समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है। उन्होंने जागरूक नागरिक की भूमिका निभाई है। विश्वास है कि यह पुस्तक नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करेगी।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक गोयनका ने कहा, ”समस्याएं जीवन में निराशा लाती हैं। समाधान उत्साह को जन्म देते हैं। इस दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल न हो। महत्वपूर्ण यह है कि हम समस्या की जड़ तक पहुंचें और सकारात्मक सोच के साथ समाधान खोजें। हमारा प्रयास हमेशा समस्या का हिस्सा बनने की बजाय समाधान का हिस्सा बनने का होना चाहिए।” पुस्तक चर्चा में अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. विजय सोनकर शास्त्री, पूर्व सांसद और आईसीसीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के अध्यक्ष अजय सिंह, प्रमुख टीवी पत्रकार राणा यशवंत के अलावा पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के नामचीन लोगों ने हिस्सा लिया।

इनमें प्रमुख हैं-डॉ. नितिन रमेश गोकरण जी, विक्रम सिंह, अर्थशास्त्री प्रो. वी उपाध्याय, सुधीर अग्रवाल, गोकुल पटनायक, गुरुग्राम के आयकर आयुक्त भरत भूषण गर्ग, अकु श्रीवास्तव, ओमेगा सेकी मोबिलिटी के संस्थापक और एंग्लियन ओमेगा ग्रुप के अध्यक्ष उदय नारंग, अखिल भारतीय व्यापार मंडल के सचिव आरके गौड़। समारोह के संयोजक आलोक पारिख और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के प्रभारी अरविंद मेनन ने इस पुस्तक की विषय वस्तु को आधार बिंदु मानकर नीति और सुशासन पर अपने विचार साझा किए।

पुस्तक में सुझाए गए नीतिगत सुधारों और समाधान आधारित दृष्टिकोण पर वक्ताओं ने प्रभावी शासन, आर्थिक स्थिरता, कृषि नवाचार, न्याय प्रणाली में सुधार और समावेशी सामाजिक नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया। इस आयोजन में नीति-निर्माताओं, प्रशासकों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के नेताओं की सक्रिय भागीदारी रही। समारोह में घोषणा की गई कि 2025 के अंत तक ‘संपूर्ण समाधान’ को अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा।