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कोलकाता, 1 मार्च । आर. जी. कर बलात्कार और हत्या मामले में सीबीआई जल्द ही कोलकाता की एक विशेष अदालत में पूरक चार्जशीट दाखिल करने जा रही है। इस चार्जशीट में न केवल अपराध से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया जाएगा, बल्कि इस जघन्य वारदात के पीछे के व्यापक षड्यंत्र से भी पर्दा उठाया जाएगा। जांच से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सीबीआई ने हाल ही में विशेष अदालत को सूचित किया कि वह जल्द ही यह पूरक चार्जशीट पेश करेगी, जिसमें सबूतों से छेड़छाड़ और बदलाव से जुड़े पहलुओं पर खास ध्यान दिया जाएगा। अधिकारी यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि यह चार्जशीट 17 मार्च को होने वाली उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले दाखिल कर दी जाए।
सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में चार अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पहला मुद्दा केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की अंतिम रिपोर्ट से जुड़ा है, जिसमें “वास्तविक अपराध स्थल” को लेकर संदेह जताया गया है।
गौरतलब है कि पीड़िता, जो आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर थी, उसका शव पिछले साल 9 अगस्त की सुबह कॉलेज परिसर के एक सेमिनार हॉल में मिला था। हालांकि, सीएफएसएल की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सेमिनार हॉल में संघर्ष के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि संभवतः वहां अपराध हुआ ही नहीं था और शव को कहीं और हत्या के बाद वहां लाकर रखा गया।
दूसरा प्रमुख मुद्दा सीसीटीवी फुटेज से संबंधित है, जिसकी जांच में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और एक बड़े षड्यंत्र की ओर संकेत मिल रहे हैं।
तीसरा मुद्दा मोबाइल सिम कार्ड डेटा के विश्लेषण से जुड़ा है, जिसमें विशेष रूप से आर. जी. कर के पूर्व और विवादास्पद प्राचार्य संदीप घोष और पूर्व थाना प्रभारी अभिजीत मंडल के कॉल रिकॉर्ड्स को खंगाला जा रहा है।
चौथा अहम पहलू पीड़िता की निजी वस्तुओं के सेमिनार हॉल में संदिग्ध तरीके से पाए जाने से संबंधित है, जिससे इस बात पर और संदेह बढ़ जाता है कि क्या वास्तव में अपराध वहीं हुआ था।
इस सप्ताह की शुरुआत में, पीड़िता के माता-पिता सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद से मिलने के लिए नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने जांच में हो रही देरी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।
पीड़िता के पिता ने कहा, “हमारी सीबीआई निदेशक से करीब एक घंटे तक विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने हमें धैर्य रखने की सलाह दी और न्याय मिलने का भरोसा दिलाया। हमें उनकी बात पर विश्वास है। इसके अलावा, हमने अपने वकील करुणा नंदी से भी आगामी उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के लिए रणनीति पर चर्चा की।”
अब सभी की निगाहें 17 मार्च की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सीबीआई द्वारा पेश की जाने वाली पूरक चार्जशीट से इस जघन्य अपराध के पीछे के गहरे षड्यंत्र से जुड़े और तथ्य सामने आ सकते हैं।