राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पद व गोपनीयता की दिलाई शपथ

पटना, 25 फरवरी। बिहार में बुधवार शाम चार बजे राजभवन के राजेंद्र मंडप में नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। इनमें भाजपा कोटे से कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सरावगी, जीवेश मिश्रा, सुनील कुमार और मोतीलाल प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि मिथिलांचल के दो विधायक संजय सरावगी और जीवेश कुमार मिश्र ने मैथली भाषा में शपथ ग्रहण की।

सबसे पहले दरभंगा से भाजपा विधायक संजय सरावगी ने शपथ ली। उन्होंने मैथिली में शपथ ग्रहण की। इसके बाद बिहार शरीफ से भाजपा विधायक सुनील कुमार ने शपथ ग्रहण की इसके बाद दरभंगा के जाले विधानसभा सीट से भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा, मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राजू सिंह व रीगा से विधायक मोती लाल ने मंत्री पद की शपथ ली। छठे नम्बर पर कृष्ण कुमार मंटू ने, जबकि सबसे अंत में विजय कुमार मंडल ने शपथ ग्रहण की।

नीतीश कुमार के कैबिनेट विस्तार में सिर्फ जातीय बल्कि ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है। भाजपा कोटे से मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी विधायक बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में उन क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व करने से निश्चित तौर पर इसका असर इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।

भाजपा ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के महत्व को समझते हुए इस क्षेत्र से दो विधायकों को मंत्री बनाया है। माना जा रहा है कि आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा अपने इस दांव से मिथिलांचल के करीब 50 सीटों पर लीड लेने की कोशिश करेगी। उल्लेखनीय है कि कृष्ण कुमार मंटू छपरा के अमनौर क्षेत्र, विजय मंडल अररिया जिले के सिकटी, राजू सिंह साहेबगंज, संजय सारावगी दरभंगा जीवेश मिश्रा जाले, सुनील कुमार बिहारशरीफ और मोती लाल प्रसाद रीगा क्षेत्र से आते हैं।

– नए मंत्रियों पर होगी बड़ी जिम्मेदारी

बिहार विधानसभा का बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू होने वाला है। ऐसे में बजट सत्र से पहले मंत्री पद की शपथ लेने वाले भाजपा के सातों विधायकों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। दरअसल इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनाव को देखते हुए इस बार का बजट सत्र काफी अहम होने वाला हैं। बजट सत्र के दौरान नए मंत्रियों की भूमिका काफी अहम हो जाएगी। इन मंत्रियों पर अपने-अपने विभाग की योजनाओं को समय पर पूरा कराने की चुनौती होगी।

सुबह दिया था जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दरअसल बिहार सरकार कैबिनेट के विस्तार का घटनाक्रम एकाएक बुधवार की सुबह चर्चा में आया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया था। इसे लेकर बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। लेकिन डा. दिलीप जायसवाल ने साफ किया कि पार्टी के एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के चलते उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। साथ ही भाजपा कोटे से सात मंत्री बिहार सरकार में शामिल होने की रणनीति बनने लगी, जो कि शाम चार बजे शपथ भी हो गई।