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कोलकाता, 26 फरवरी । पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति पर जोर देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने 2021 की हार से सबक लेते हुए इस बार बड़े पैमाने पर तैयारी की है। भाजपा का लक्ष्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करना है, और इसके लिए संगठन को मजबूत करने से लेकर मतदाताओं तक प्रभावी तरीके से पहुंचने की योजना बनाई गई है।
भाजपा के एक वरिष्ठ केंद्रीय नेता ने बताया कि पार्टी ने इस बार संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। 2021 के चुनाव में कई दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को भाजपा में जगह दी गई थी, लेकिन चुनाव के बाद वे वापस लौट गए। इस बार पार्टी बेहद सोच-समझकर कदम रख रही है और केवल समर्पित कार्यकर्ताओं पर भरोसा किया जाएगा।
मार्च के दूसरे हफ्ते तक होगा प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान
उक्त नेता ने बताया कि भाजपा में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरी की जा रही है। मंडल अध्यक्षों की घोषणा पहले ही हो चुकी है, जबकि सांगठनिक जिला अध्यक्षों के नाम भी लगभग तय हो चुके हैं। मार्च महीने के पहले हफ्ते तक जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी और इसके बाद एक हफ्ते के भीतर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा। प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होते ही भाजपा पूरे राज्य में चुनावी अभियान में पूरी ताकत झोंक देगी।
50 लाख नए सदस्य, जनसंपर्क और आक्रामक आंदोलन की तैयारी
पार्टी के नेता के मुताबिक, भाजपा ने इस बार 50 लाख नए सदस्य बनाए हैं, जो लगभग 50 लाख परिवारों तक पहुंचने का संकेत है। पार्टी का मानना है कि यदि वह इन सदस्यों का समर्थन बनाए रखती है और कुल मतों का एक-तिहाई हासिल कर लेती है, तो सत्ता पर कब्जा जमाने में सफल हो सकती है।
इसके लिए भाजपा बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना बना रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि जल्द ही सड़क पर उतरकर तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक आंदोलन शुरू किया जाएगा। भाजपा का इरादा ममता सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा करने और जनता को अपने पक्ष में करने का है।
अब देखना होगा कि 2026 के चुनावी समर में भाजपा की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है।