दमिश्क, 25 फरवरी । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयान से सीरिया के लोग गुस्से में हैं। दक्षिणी सीरिया के दारा गवर्नरेट के कई शहरों और कस्बों में सोमवार को सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि दक्षिणी सीरिया को विसैन्यीकृत क्षेत्र घोषित जाए। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू के बयानों की निंदा करते हुए उनके खिलाफ नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नेतन्याहू को सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

अरबी न्यूज वेबसाइट 963+ की खबर के अनुसार, दारा के एक शहर के शूरा काउंसिल के प्रमुख इमाद अल-बातीन ने कहा कि नेतन्याहू के बयान सीरियाई संप्रभुता के उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करते हैं। दक्षिणी सीरिया के लोग नेतन्याहू की थोपी गई किसी भी व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेंगे। नई सीरियाई सरकार को तत्काल दखल देना चाहिए। दारा मीडिया सिंडिकेट के प्रमुख उमर अल-मसरी ने कहा कि नेतन्याहू ऐसे बयान देकर उकसावे की राजनीति कर देश की संप्रभुता पर हमला कर रहे हैं।

दारा बार एसोसिएशन के प्रमुख सुलेमान अल-करफान ने कहा कि किसी भी बाहरी देश की संप्रभुता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। नेतन्याहू के इस रुख के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सुरक्षा परिषद जिम्मेदार है। इजराइल की विस्तारवादी योजना का डटकर मुकाबला किया जाएगा। सीरिया में यह गुस्सा नेतन्याहू के दो दिन पहले जारी बयान को लेकर है। उन्होंने कहा था कि सीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में किसी भी नई सीरियाई सेना या विद्रोही समूहों को घुसने नहीं दिया जाएगा। इजराइल की सेना अनिश्चितकाल तक दक्षिणी सीरिया के कुछ हिस्सों में मौजूद रहेगी। उन्होंने साफ किया था कि इजराइल हयात तहरीर अल-शाम जैसे विद्रोही समूहों को भी दक्षिणी सीरिया में घुसने नहीं देगा।

इस बीच तहरीर अल-शाम के नेता अल-शरा ने सीरियाई राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन में कहा कि सीरियाई क्षेत्रों की एकता और देश को विभाजित करने वाली किसी भी योजना को वह स्वीकार नहीं करेंगे। हथियारों को राज्य तक सीमित रखना उनका कर्तव्य और दायित्व है। अल-शरा ने कहा कि नागरिकों को आज सीरिया के पुनर्निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी का सामना करना पड़ रहा है।