कोलकाता, 23 फ़रवरी ।अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से शनिवार अपराह्न सम्मेलन सभागार में ‘मारवाड़ी कहावतों का संसार’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता थे सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र केडिया जिन्होंने कहावतों को संजोने पर बृहद रूप में काम किया है।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राजेंद्र केडिया ने कहा कि कहावतें हमारी बातों में सलीका लाती हैं एवं गागर में सागर भरने का काम करती हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थानी भाषा में जितनी कहावतें हैं, विश्व की अन्य भाषाओं में देखने को नहीं मिलती। कहावतें को हमें सकारात्मक रूप में देखना चाहिए। हर एक कहावत के पीछे एक कहानी होती है। उस कहानी के मर्म को समझ कर ही हम कहावतों का वास्तविक अर्थ समझ सकते हैं।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने कहा कि आज राजस्थानी भाषा की मान्यता के साथ-साथ राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार का बहुत महत्वपूर्ण कार्य हमारे सामने है। सम्मेलन राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को गत नवंबर माह में पत्र दिया गया है। उन्होने सभी से आग्रह किया कि कम से कम अपने घर में मातृभाषा में ही आपसी वार्तालाप करें।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार बंशीधर शर्मा ने राजेंद्र केडिया के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कहावतों पर 10 खंड में पुस्तके प्रकाशित करने की योजना बनाई है, जिसमें से दो प्रकाशित हो चुकी है एवं एक प्रकाशाधीन है। यह उनका राजस्थानी साहित्य के लिए अप्रतिम योगदान है।

सभा के प्रारंभ में  राजेंद्र केडिया का परिचय अरुण प्रकाश मल्लावत ने दिया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री संजय गोयनका, डा. प्रियंकर पालीवाल, संजय बिन्नानी, आत्माराम सोंथालिया, जुगल किशोर जाजोदिया, अमित कहली, राजकुमार अग्रवाल सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। संगोष्ठी का ऑनलाइन प्रसारण किया गया।