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कोलकाता, 21 फरवरी। महाकुंभ एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयन्ती के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम, पश्चिम बंगाल, उत्तर 24परगना की ओर से कवि सम्मेलन का अयोजन किया गया। आभासी पटल पर आयोजित इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ.गिरिधर राय ने की।
कार्यक्रम का आरंभ युवा कवि आदित्य स्वरूप पाठक ने सरस्वती वंदना से किया। जिला अध्यक्ष राजीव मिश्र ने स्वागत भाषण दिया।
काव्य गोष्ठी में भारती मिश्रा, रेखा रजक, रत्नेश अवस्थी रत्न (उन्नाव) पुष्पा मिश्रा, नीलम झा, रंजना झा,हिमाद्रि मिश्र, उत्तीर्णा धर, मीतू कानोड़िया, प्रगति शंकर, देवेश मिश्र, स्वाति भारद्वाज ने कविता पाठ किया।
विशिष्ट अतिथि प्रांतीय सह महामंत्री बलवंत सिंह गौतम ने अपने वक्तव्य से सभी को हर्षोल्लास से भर दिया। मुख्य अतिथि मल्लिका रुद्रा ने राष्ट्रीय कवि संगम के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए राष्ट्र- स्वर पत्रिका की प्रशंसा की। उन्होंने महाकुंभ और छत्रपति शिवाजी पर दोहे सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. गिरधर राय ने संयोजन, संचालन और कार्यकर्ताओं की तारीफ की। महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला। छत्रपति शिवाजी महाराज की नेतृत्व युद्धकौशल और वीरता की तारीफ करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप एवं शिवाजी जैसे लोग हमारे भगवान तो नहीं है लेकिन इन्हीं लोगों के कारण हमारे देवी देवता मंदिरों में सुरक्षित हैं। उन्होंने ने अपनी प्रसिद्ध हास्य कविता कुंभमेला और नागाबाबा सुनाकर लोगों को लोट-पोट कर दिया।
श्रोताओं के रूप में ज्ञानप्रकाश आकुल ( लखीमपुर), शिविर धनधानिया प्रभृति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कंचन राय ने किया। जिला उपाध्यक्ष पुष्पा मिश्रा ने सभी कवियों, अतिथियों और श्रोताओं को अपना अमूल्य समय देकर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया।