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कोलकाता, 21 फरवरी। समर्पण ट्रस्ट, जो शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में अपनी स्थायी प्रतिबद्धता के लिए विख्यात है, ने हाल ही में महानगर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर व्रत एवं त्योहार विषयक पंचांग का लोकार्पण किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय ने उद्घाटन भाषण में कहा कि “सनातन धर्म का आधार वेद और महापुराण हैं। ज्योतिष वेद की आंखें हैं। इनके माध्यम से काल गणना करके व्रत और त्योहार का निर्धारण किया जाता है।” उन्होंने आगे बताया कि इस पत्रिका के माध्यम से सनातन देव संस्कृति के अनुयायी हिंदुओं तक व्रत, त्योहार, नक्षत्र, पंचक, गंड मूल आदि की महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। डॉ. पाण्डेय ने यह भी कहा कि “इस पंचांग की निरंतरता से लोगों का विश्वास बढ़ रहा है, और देश-विदेश में इसकी मांग बनी रहती है।” डॉ. पाण्डेय ने पंचांग के प्रकाशन की निरन्तरता बनाए रखने के लिए समर्पण ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारियों, सहयोगियों को साधुवाद दिया।
पत्रिका के संपादक डॉ. पाण्डेय ने यह भी उल्लेख किया कि तीन दशकों से लगातार पंचांग का प्रकाशन किया जा रहा है, जो इसकी लोकप्रियता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा, “सनातनी जागृत हों, अपनी समृद्ध विरासत को जानें, पहचाने और अनुपालन करें, यही इस व्रत और त्योहार पंचांग का उद्देश्य है”।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार विश्वम्भर नेवर ने इस मौके पर पंचांग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “पंचांग में नक्षत्रों और ग्रहों के प्रभाव का उल्लेख होता है, जो हमारे जीवन में शुभ और अशुभ समय के निर्धारण में सहायक होते हैं। इसके आधार पर व्रत, पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, ताकि ग्रहों का प्रभाव सकारात्मक हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे।”
ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश बजाज ने कहा समर्पण ट्रस्ट का यह परम पुनीत कार्य सनातन धर्म के प्रचार और हिंदू परंपराओं के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह पंचांग, जो व्रत, त्योहार और अनुष्ठानों के सही समय निर्धारण में मदद करता है, लोगों को धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रदीप ढेडिया ने इस अवसर पर कहा, समर्पण ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित व्रत एवं त्योहार पंचांग का यह ग्यारवां अंक है। हम ‘धर्मो रक्षति रक्षित की भावना से ओतप्रोत हैं, और सनातन देव संस्कृति के प्रसार के उद्देश्य से इस पत्रिका को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए समर्पित हैं।
कार्यक्रम में समाजसेवी पवन टिबरेवाल, बनवारीलाल सोती, पद्मश्री सज्जन भजनका भी मौजूद थे ।