काठमांडू, 13 फरवरी । ओली सरकार के अध्यादेश का विरोध करने वाले सत्तारूढ़ गठबंधन दल के नेताओं ने अब सरकार छोड़ने तक की चेतावनी दे दी है।ओली सरकार का समर्थन कर रहे लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (लोसपा), जनमत पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने सरकार पर भूमि संबंधी अध्यादेश को वापस लेने के लिए दबाव बना दिया है। तीन सहयोगी दलों की इस धमकी के बाद सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
सरकार को बाहर से समर्थन कर रहे जनता समाजवादी पार्टी ने अध्यादेश के विरोध में मतदान करने का फैसला लेने के बाद अब चौबीस घंटे के भीतर सरकार छोड़ने तक की चेतावनी दे दी है। ओली सरकार का समर्थन कर रहे लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (लोसपा) ने बाकायदा बयान जारी करके इस अध्यादेश के विरोध में मतदान करने की बात कही है। आज लोसपा के अध्यक्ष महंथ ठाकुर ने अपनी पार्टी से सरकार में सहभागी मंत्री को किसी भी समय अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने बताया कि यदि सरकार ने भूमि अध्यादेश को वापस नहीं लिया, तो इस सरकार से समर्थन वापस ले लिया जाएगा।
इसी तरह जनमत पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने सरकार पर भूमि संबंधी अध्यादेश को वापस लेने के लिए दबाव बना दिया है। इन दोनों दलों के नेताओं ने आज संयुक्त बैठक कर अध्यादेश का समर्थन नहीं करने और आवश्यकता होने पर सरकार से समर्थन वापस लेने की बात भी कही है। जनमत पार्टी के अध्यक्ष डॉ. सीके राउत ने कहा है कि अगले एक दो दिन में यदि अध्यादेश पर सरकार का रूख स्पष्ट नहीं हुआ तो उनके मंत्रियों को ओली सरकार से वापस बुला लिया जाएगा। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के नेता रेशम चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष रंजिता श्रेष्ठ के विदेश दौरे से आते ही इस पर औपचारिक निर्णय लिया जाएगा।
सरकार के अध्यादेश को संसद के दोनों सदनों से पारित कराना आवश्यक है, लेकिन जसपा और लोसपा के साथ ही जनमत और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के विरोध के बाद इसका संसद के उच्च सदन से पारित होना लगभग असंभव है।
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