– टीम तारिणी 50 डिग्री दक्षिणी अक्षांश को पार करके आगे की यात्रा के लिए शुरू किया नौकायन

नई दिल्ली, 06 फरवरी । आईएनएसवी तारिणी से दुनिया की परिक्रमा करने निकलीं नौसेना की दो महिला अधिकारियों ने अब आधी से अधिक यात्रा पूरी कर ली है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने टीम तारिणी से वर्चुअली बातचीत करके अब तक की उनकी प्रगति पर संतोष जताया। टीम तारिणी ने 50 डिग्री दक्षिणी अक्षांश को पार कर लिया है और अब आगे की यात्रा के लिए नौकायन कर रही है।

नौकायन पोत तारिणी से नौसेना की दो साहसी महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए पिछले साल 02 अक्टूबर को इस चुनौतीपूर्ण अभियान पर गोवा से रवाना हुईं थीं। आठ महीने की अवधि में दोनों महिलाएं बिना किसी बाहरी सहायता के केवल पवन ऊर्जा पर निर्भर करते हुए 21,600 समुद्री मील की यात्रा करने निकली हैं। गोवा से रवाना होने के बाद से 12 हजार से अधिक समुद्री मील की यात्रा करके परिक्रमा अभियान का आधा से अधिक हिस्सा पूरा कर लिया है।

टीम तारिणी ने 04 जनवरी को न्यूजीलैंड के लिटलटन से प्रस्थान किया और इस तीसरे चरण में उन्होंने बहुत अधिक कठिन समुद्रों और दो तूफानों को पार किया है। टीम ने पृथ्वी ग्रह पर सबसे दूरस्थ स्थान प्वाइंट निमो को भी पार किया है। सीएनएस ने दोनों महिला नौसेना अधिकारियों से वार्ता के दौरान कहा कि आपके मुस्कुराते चेहरे आपकी दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और कभी हार न मानने की भावना को दर्शाते हैं, जो आपको देखने वाले सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारतीय नौसेना और राष्ट्र को आप पर गर्व है। उन्होंने लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना को उनके जन्मदिन (07 फरवरी) की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दीं और चालक दल को उसी उत्साह और व्यावसायिकता के साथ अपनी यात्रा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

नौसेना के समुद्री नौकायन इतिहास में ​यह ऐतिहासिक जल यात्रा महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि ​दोनों भारतीय महिलाओं ​के नौकायन पोत पर सवार होकर दुनिया की पहली परिक्रमा है। यह अभियान भारत के समुद्री प्रयासों का प्रतीक है, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की प्रमुखता और उत्कृष्टता और महिला सशक्तीकरण के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अभियान की प्रगति पर नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी खुद बारीकी से नजर रखकर प्रतिदिन अपडेट ले रहे हैं।​ उन्होंने दिवाली की पूर्व संध्या पर ​भी अपने मिशन के लिए पूरी तरह से प्रेरित और समर्पितचालक दल के सदस्यों से बातचीत की ​थी।————–