नई दिल्ली, 3 फ़रवरी । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक दलित युवती की हत्या किए जाने का मामला आज संसद में गूंजा। राज्यसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश में दलितों पर अत्याचार तेजी से बढ़ रहे हैं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान खरगे ने दो दिन पहले अयोध्या में एक दलित युवती की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि देश में दलितों पर किस कदर अत्याचार बढ़ रहा है, यह मीडिया से पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में वह दलित युवती किसी धार्मिक कार्यक्रम में गई थी, जो सुरक्षित घर नहीं लौटी। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके बाद बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई। इसके अलावा उन्होंने बिहार के सासाराम में दलित सांसद मनोज राम पर जानलेवा हमले की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब सांसद सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता के बारे में सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है।

नेता विपक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कई विफलताओं को भी सफलता के रूप में बताया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा जब सत्ता में आई तो सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का दावा किया गया लेकिन आज देश का किसान और युवा आत्महत्या करने पर मजबूर है। बेरोजगारी और महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। ये सरकार चंद अमीरों के विकास की गारंटी देती है। इसलिए आम जनता परेशान है। अमृतकाल पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने इसे “विषकाल” बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी और उपज का दोगुना मूल्य देने का वादा आज तक पूरा नहीं किया गया।

खरगे ने कहा कि 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी ने कहा था कि रुपया अस्पताल में है। उस वक्त डॉलर के मुकाबले रुपया 60 से कुछ ज्यादा था। इस पर नीरज शेखर ने तीखा प्रतिवाद किया तो खरगे उन पर भड़क गए। खरगे ने गुस्से में लगभग फटकारते हुए कहा, ‘‘तेरे बाप का भी मैं साथी रहा….उसको साथ में लेकर मैं घूमता था..चुप बैठ…तू चुप कर बैठ…।” इसके बाद नीरज शेखर भी गुस्से में आ गए और उन्होंने कुछ कहा। इस दौरान कुछ देर के लिए सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विवाद बढ़ता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने मामले को ठंडा किया। खरगे ने कहा कि रुपया अब आईसीयू में है लेकिन मोदी चुप हैं।

खरगे ने मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने वहां जाना ही मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि आईआईएम और आईआईटी में 90 प्रतिशत सीट सामान्य वर्ग से है। एससी, एसटी और ओबीसी को उच्च शिक्षण के मामले में हाशिये पर ढकेला जा रहा है। एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती कर दी। उन्होंने कहा कि देशभर में सरकारी स्कूलों को बंद करने का कुचक्र चल रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्रियों और सरकार की बात सुनने की बजाय राज्यपालों की बात ज्यादा सुनती है। इस क्रम में उन्होंने कर्नाटक, तेलंगाना और प. बंगाल आदि गैर भाजपा शासित राज्यों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सरकार पक्की भर्ती करने की बजाय देश में संविदा के आधार भर्तियों को बढ़ावा दे रही है।

खरगे ने कहा कि मनरेगा पर बजट में कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पं. नेहरू और डा. आंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसका असर है कि निर्मला सीतारमण जैसी महिला ने संसद में बजट पेश किया। उन्होंने यह कहते हुए जाति जनगणना कराने की मांग की कि इसका मकसद किसी का अपमान करना नहीं बल्कि उसको उसकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

उन्होंने डॉं आंबेडकर का जिक्र कर कहा कि उनका सर्वाधिक अपमान गृहमंत्री अमित शाह ने किया। उन्होंने 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में अमित शाह के बयान की निंदा की। उन्होंने आंबेडकर की ओर से एक मित्र को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि किस तरह उन्हें चुनाव में साजिशन पराजित किया गया था।