बीकानेर, 1 फरवरी। आर्थिक मामलों के जानकार चिंतक-विचारक और आर्थिक त्रैमासिक पत्रिका “मरु व्यवसाय चक्र” के संपादक प्रोफेसर डॉक्टर अजय जोशी ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि देश का मध्यम वर्ग अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण धुरी है। यही वर्ग किसी न किसी रूप में सर्वाधिक कर चुकाता है और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है लेकिन हर बार उसको बजट में नाम मात्र की राहत का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है। इस वर्ग में अधिकांश नौकरीपेशा लोगऔर छोटे व्यापारी एवं उद्योगपति सम्मिलित हैं। विगत कुछ वर्षों में पहली बार इस आम बजट में मध्यम वर्ग बड़ी राहत देने का बड़ा प्रयास किया गया है।

छोटे व्यापारी और उद्योगपति जो इस वर्ग में आते हैं उनको सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रमों यानी एमएसएमई की श्रेणी में रखा जाता है। उनको उनके टर्नओवर की सीमा के आधार पर ही ऋण,अनुदान और अन्य लाभ एवं सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस बजट में  टर्नओवर की सीमा में बड़ा बदलाव किया गया है।

नए मानदंड के अनुसार सूक्ष्म उपक्रमों के लिए वर्तमान 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये, लघु उपक्रमों के लिए वर्तमान 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये तथा मध्यम उपक्रमों के लिए वर्तमान 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया कर दिया गया है। सीमा की यह दुगुनी वृद्धि स्वागतयोग्य कदम है। इससे एमएसएमई उपक्रमों के कुशल संचालन,विकास और विस्तार  को गति मिलेगी और वें उत्पादन और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे।

इसी प्रकार मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर छूट की सीमा 12 लाख करना भी बहुत बड़ा कदम है। कर छूट से उनकी वास्तविक आय में वृद्धि होगी इससे वे अधिक व्यय करने और विनियोग करने की स्थिति में होंगे।ये दोनों कदम देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं