नई दिल्ली, 31 जनवरी । अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों वाली रामसर स्थलों की सूची में भारत के चार और स्थल जोड़े गए हैं। इनमें तमिलनाडु से सक्कराकोट्टई पक्षी अभयारण्य और थरथंगल पक्षी अभयारण्य, सिक्किम से खेचेओपलरी वेटलैंड और झारखंड से उधवा झील शामिल है। इसी के साथ भारत में रामसर स्थलों की संख्या 89 हो गई है।
केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक्स पोस्ट में कहा कि रामसर सूची में भारत के चार स्थलों के नाम और जुड़ गए हैं। इसी के साथ यह संख्या 89 हो गई है। वैश्विक समुदाय विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। इस बीच भारत के पास खुश होने का कारण है। अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों की सूची में चार नए रामसर स्थल जोड़े गए हैं। यह इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘प्रकृति’ और ‘प्रगति’ एक साथ आगे बढ़ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वंतत्रता दिवस से पहले देश में तीन स्थल और रामसर स्थलाें की सूची में शामिल हुए थे जिसमें तमिलनाडु से नंजरायन पक्षी अभयारण्य एवं काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य और मध्य प्रदेश से तवा जलाशय को रामसर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमियों का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क विकसित करना और इसे सुरक्षित रखना है, जो इनके पारिस्थितिकी तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के संरक्षण के जरिए वैश्विक जैविक विविधता की सुरक्षा तथा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।