नई दिल्ली, 25 जनवरी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष आमंत्रित आशा कार्यकर्ताओं को विभिन्न स्वास्थ्य पहलों की सफलता में योगदान देने वाले उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मान किया।

इस अवसर पर करीब 250 आशा कार्यकर्ताओं को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि आशा कार्यकर्ता देश में स्वास्थ्य योजनाओं की रीढ़ हैं। समाज में उनके अपार योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने टीबी उन्मूलन मिशन में आशा कार्यकर्ताओं की उल्लेखनीय सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता भारत की नारी शक्ति का प्रदर्शन का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, 10.29 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में संपर्क के पहले बिंदु के रूप में काम करती हैं, जो समुदायों और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती हैं। वे विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जैसे कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, टीकाकरण को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का समर्थन करना। आशा कार्यकर्ता गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला में योगदान देती हैं। अपने प्रयासों के माध्यम से वे अनगिनत लोगों की जान बचा रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य हस्तक्षेप जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे खासकर दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों में।

उल्लेखनीय है कि आशा कार्यकर्ताओं के उत्कृष्ट योगदान को याद करने के लिए भारत सरकार ने 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 250 आशा कार्यकर्ताओं को उनके जीवनसाथियों के साथ आमंत्रित किया है। यह सम्मान न केवल इन समर्पित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाता है बल्कि उनके योगदान के महत्वपूर्ण मूल्य को भी रेखांकित करता है, जो उनकी आवश्यक भूमिका को स्वीकार करने के लिए एक मजबूत मिसाल कायम करता है।