नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समारोह में शामिल हुए आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक
वाराणसी, 23 जनवरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचारों पर देश चला होता तो कभी बांग्लादेश नहीं बनता। किसी भी कीमत पर देश का विभाजन नहीं होता। सुभाष चंद्र बोस ने अखंड भारत को एक सूत्र में बांधने के लिये कभी तुष्टिकरण का सहारा नहीं लिया। उन्होंने देश को सर्वोपरि रखा। वह गुरूवार को महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन पर आयोजित पॉच दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे।
लमही स्थित सुभाष भवन के सभागार में इंद्रेश कुमार ने कहा कि नेताजी के इतिहास को छुपाने के बजाय उजागर किया गया होता और उनके बताए रास्ते पर चला जाता तो आज न देश बंटता, न नफरत फैलती। अगर विभाजन होता भी तो कुछ समय बाद फिर से भारत एक हो जाता। अपने पूर्वजों पर जाएंगे तो पूर्वज सांझे मिलेंगे। विदेशी आक्रांताओं ने जुल्म किया, मन्दिर तोड़े तो आज हम क्यों लड़ रहे हैं। अब मुसलमानों में यह बात निकली है कि जहां मस्जिद में टूटी मूर्तियां मिलेंगी वह हिन्दुओं को वापस दे देंगे। इबादत बदली है, लेकिन न पुरखे बदले, न पहचान बदली।
उन्होंने कहा कि देश के अंदर आज वक्फ बोर्ड की जद्दोजहद चल रही है। मुसलमान खुद ही कह रहा है कि यह बोर्ड नहीं यह भू-माफिया हैं। मुस्लिम विद्वानों ने खुद कहा कि वक्फ बोर्ड की कोई जरूरत नहीं है। सब अपने ट्रस्ट बनायें और अपने प्रॉपर्टी की देखभाल करें। सुभाष चंद्र बोस की तरह जिस दिन दहाड़ेंगे, उस दिन बांग्लादेश को अल्पसंख्यक पर जुल्म करने में रूह कांप जाएंगी।
अध्यक्षता करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का योगदान केवल आजादी के लिये ही नहीं हैं, बल्कि देश में सांस्कृतिक स्थापना के लिये भी रहा। समाज कठोर कानून से नहीं, बल्कि धर्म स्थापना से चलता है। पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) विजय कुमार मौर्य ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अपने साहस, शौर्य और पराक्रम से अंग्रेजी साम्राज्य की चूलें हिलाकर रख दीं थीं। इस दौरान विजय कुमार मौर्य को सद्भाव राजदूत की उपाधि से भी विभूषित किया। आयोजक संस्था ने पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) को सद्भाव के राजदूत की उपाधि से विभूषित किया।