कोलकाता, 22 जनवरी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने डॉक्टर असफाकुल्लाह नाइया के खिलाफ पुलिस जांच पर छह हफ्ते की रोक लगा दी है। नाइया आर.जी. कर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं।

आरोप है कि नाइया राज्य के एक निजी अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे हैं, जबकि उनके पास जरूरी योग्यता नहीं है।

नाइया ने सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस की जांच को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने मंगलवार और बुधवार को सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

अदालत ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि एफआईआर ठोस सबूत और दस्तावेजों के बिना दर्ज की गई। साथ ही, शिकायत किसी मरीज ने नहीं, बल्कि एक तीसरे पक्ष ने की थी।

नाइया फिलहाल आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में ईएनटी में पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहे हैं। 16 जनवरी को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था। उसी दिन बिधाननगर पुलिस ने उन्हें समन भी जारी किया। पुलिस उनके काकद्वीप स्थित घर पर भी गई, लेकिन वह हॉस्टल में थे।