फारबिसगंज/अररिया, 20 जनवरी ।अररिया शिक्षा विभाग के अजूबे कारनामे सोशल मीडिया पर इन दिनों सुर्खियों में है। अररिया जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय ने मुर्दे से भी स्पष्टीकरण मांगा है। यह सुनकर आप भी अचंभित भले ही होंगे लेकिन यह बात एक दम सच है। वही, बताया जा रहा है की बीते शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा था। जिसमें मुर्दे व सेवानिवृत शिक्षक भी शामिल हैं और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सभी शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश भी दिया है और प्रतिदिन विभाग के ओर से इसका समीक्षा भी किया जा रहा है। सबसे बड़ी हैरान की बात यह है कि बताया जा रहा है पोर्टल पर सभी मृत और सेवानिवृत शिक्षक का नाम भी अपलोड है। इन शिक्षकों का नाम पोर्टल से नहीं हटाया गया है। इतना ही नहीं अररिया जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में मृत शिक्षकों का डाटा भी उपलब्ध नहीं है।
विभाग की इस घोर लापरवाही काफी चर्चा का विषय भी बन गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक डीपीओ स्थापना द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण के 45 क्रमांक पर दर्ज परमानंद ऋषिदेव, 59 क्रमांक पर दर्ज मंजूर आलम, 97 क्रमांक पर नसीम अख्तर, 324 क्रमांक विश्वबंधु ठाकुर, 327 क्रमांक पर अफसाना खातून, 339 क्रमांक पर मो. कासिम, क्रमांक 499 पर सादिक अनवर, क्रमांक 756 पर बीबी नहार, क्रमांक 942 पर अंतेश कुमार सिंह, क्रमांक 960 पर देवानंद मंडल और क्रमांक 998 पर मनोज कुमार पटवे का देहांत पिछले वर्ष 2024 में हो गया था। इसके अलावा ऐसे भी शिक्षक हैं जो सेवानिवृत हो गए हैं, उनसे भी जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है। वही, डीपीओ स्थापना द्वारा पत्र निर्गत होते ही सोशल मीडिया पर अररिया जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय पर लोगों ने जमकर मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। कोई विभाग की लापरवाही का जमकर मजाक उड़ा रहा है तो कोई विभाग के तुगलकी फरमान की निंदा कर रहा है।
सोशल मिडिया पर शिक्षक संघ के नेता जफर रहमानी ने लिखा है कि अररिया जिला शिक्षा विभाग कार्यालय ने एक ऐसा दुर्लभ रिकॉर्ड बनाया है, जो सौभाग्य अन्य जिलों को प्राप्त नहीं है। एक शिक्षक ने लिखा है कि अब कब्र से मुर्दा भी जवाब देंगे। इसी तरह कई लोग अपने-अपने तरीके से शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर निशाना साध रहे हैं। वही, इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षक संघ के अररिया जिलाध्यक्ष अब्दुल कुद्दूस ने कहा की विभाग को समीक्षा के उपरांत ही इस तरह की स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए। ऐसी भूल से विभाग को बचना चाहिए। इस तरह की गलती लोगों के बीच शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर चर्चा का विषय बन जाता है। पिछले चार-पांच दिनों से जिले में सर्वर की समस्या है। इस कारण बहुत सारे शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहने के बावजूद भी आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर सके थे। अधिकांश शिक्षकों ने विद्यालय के पंजी पर उपस्थिति दर्ज की है।
इस संदर्भ में अररिया डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने कहा की विद्यालय के प्रधान व बीईओ की जिम्मेदारी थी कि ऐसे शिक्षक जिनकी मौत हो चुकी है, उसकी विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। लेकिन उन्होंने विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया है। जिसके चलते पोर्टल पर दर्ज शिक्षकों का नाम नहीं हटाया गया। शुक्रवार को अवलोकन में जिन शिक्षकों ने ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज नहीं की थी, उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था। विद्यालय के ऐसे प्रधानाध्यापकों जिन्होंने विभाग को मृत शिक्षकों की जानकारी नहीं दी थी, ऐसे प्रधानाध्यापक को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।