कोलकाता, 18 जनवरी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपित सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने दोषी ठहराया है। यह फैसला घटना के 162 दिनों बाद आया है। शनिवार को जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 9 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से रहस्यमय परिस्थितियों में युवा महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। इस घटना ने राज्य भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया। इसके अगले ही दिन सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में संजय की संलिप्तता बताते हुए कहा कि उसने अकेले इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

शनिवार को दोपहर 2:30 बजे सियालदह अदालत की तीसरी मंजिल के कक्ष संख्या 210 में जज अनिर्बाण दास ने सुनवाई शुरू की। अभियुक्त संजय राय को पेश किए जाने के बाद जज ने बताया कि सीबीआई की चार्जशीट और साक्ष्यों के आधार पर संजय दोषी साबित हुआ है।

जज ने बताया, “9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में संजय राय ने एक महिला डॉक्टर पर हमला किया, उनका गला दबाया और दुष्कर्म किया। इस मामले में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत आरोप तय किए गए थे। इन साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषी ठहराया गया है।” इस मामले में अदालत में केवल 12 मिनट तक बहस हुई। जज अनिर्बाण दास ने कहा कि इस मामले में दोषी को 10 साल से लेकर उम्रकैद या फांसी तक की सजा दी जा सकती है। सजा का ऐलान सोमवार को दोपहर 12:30 बजे किया जाएगा।

घटना के विरोध में राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने व्यापक स्तर पर लगातार प्रदर्शन किए और राज्य की ममता बनर्जी सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। 14 अगस्त को “रात दखल अभियान” के दौरान आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ और हमले की घटना भी हुई। इसके बाद कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग उठी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 14 सितंबर को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की लेकिन वार्ता विफल रही।

20 सितंबर को जूनियर डॉक्टरों ने सरकार की ओर से मिले आश्वासनों के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। 7 अक्टूबर को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर संजय रॉय को मुख्य आरोपित बनाया। अब कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है।

दोषी साबित होते ही बोला आरोपित संजय – मैंने दुष्कर्म नहीं किया

अदालत के निर्णय के बाद, दोषी संजय राय ने कहा कि वह निर्दोष है। उसने कहा, “मैंने कुछ नहीं किया।” आरोपित संजय ने अदालत में रुद्राक्ष की माला दिखा कर चिल्लाते हुए कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि रुद्राक्ष की माला पहनकर मैं यह सब बिल्कुल नहीं करूंगा।

हालांकि, न्यायाधीश ने कहा, “सीबीआई जांच में जो सबूत सामने आए हैं, वे आपको दोषी साबित करते हैं। आपकी बात सोमवार को सुनी जाएगी।” इस दौरान संजय और कुछ बोलना चाह रहा था लेकिन जज ने उसे रोक दिया और कहा कि जो बोलना है सोमवार को बोलिए।

अभियोजन पक्ष की दलीलें

सीबीआई ने अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों में बताया कि घटना के दिन संजय राय अस्पताल के सेमिनार हॉल में घूमता हुआ नजर आया था। सीसीटीवी फुटेज में उसे ब्लूटूथ हेडफोन पहने हुए देखा गया, लेकिन आधे घंटे बाद वह बिना हेडफोन के बाहर निकलता है। घटनास्थल से टूटे हुए हेडफोन बरामद किए गए। हालांकि, रुद्राक्ष की माला का जिक्र पहले कभी नहीं हुआ।

पीड़िता के परिवार की प्रतिक्रिया

फैसला सुनकर पीड़िता के माता-पिता अदालत में फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने जज को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें न्याय मिला है। उन्होंने हाथ जोड़कर न्यायाधीश को धन्यवाद दिया और कहा, “आपने हमारे विश्वास की लाज रखी है।”

फैसले के बाद जब न्यायाधीश अनिर्बाण दास अपनी सीट से उठकर जाने वाले थे, तभी पीड़िता के पिता ने रुककर अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। न्यायाधीश ने उन्हें बोलने की अनुमति दी। फफक कर रोते हुए उन्होंने कहा, “आपने हमारे विश्वास को सही साबित किया।” इस पर न्यायाधीश ने कहा कि वे सोमवार को उनकी बात सुनेंगे, जब आरोपित की सजा का ऐलान किया जाएगा।

हालांकि, शुक्रवार को पीड़िता के पिता ने कहा था कि वे अदालत के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि कई महत्वपूर्ण पहलुओं के जवाब अब भी नहीं मिले हैं। उनका कहना था, “जो लोग यह कहेंगे कि न्याय मिल गया है, मैं उनके सामने जाकर खड़ा होऊंगा।”

इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच और गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 64 (दुष्कर्म), 66 (दुष्कर्म के बाद मौत) और 103 (1) (हत्या) के तहत आरोपित संजय राय को दोषी ठहराया।