अनुमति के बिना ही संदेशखाली में हुई शुभेंदु की सभा
दक्षिण 24 परगना, 31 दिसंबर । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को संदेशखाली में एक सभा की थी। अगले दिन यानी मंगलवार को भाजपा ने भी वहां सभा का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि, पुलिस ने भाजपा को इस सभा के लिए अनुमति नहीं दी थी। शुभेंदु अधिकारी फेरीघाट से मंच तक पैदल पहुंचे। सभा मंच से शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी पर जम कर निशाना साधा।
इस दौरान शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को सबसे बड़ा दुष्ट बताते हुए कहा कि इतने दिन संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार हुआ है। इन अत्याचारों को मुख्यमंत्री भूल जाने को कह रही हैं सोचिए मुख्यमंत्री कितनी बड़ी दुष्ट हैं।
शुभेंदु ने आगे कहा कि इतने अत्याचारों के बावजूद बंगाल में 39 फीसदी हिंदुओं ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया है और अगर पांच प्रतिशत हिंदू भाजपा को वोट दे तो ममता बनर्जी को पूर्व मुख्यमंत्री बनाया जा सकेगा तथा उत्तर प्रदेश की तरह बंगाल से भी उग्रवादियों-जिहादियों का सफाया कर दिया जाएगा।
पुलिस की मनाही के बावजूद हुई सभा
भाजपा ने इस सभा का आयोजन पुलिस की मनाही के बावजूद किया। पुलिस ने अंतिम घड़ी में संदेशखाली में शुभेंदु की सभा को अनुमति नहीं दी। पुलिस का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने सभा की अनुमति के लिए समय पर जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए थे। संदेशखाली के ब्लॉक-2 में जब सभा का मंच तैयार हो रहा था, तभी पुलिस ने सभा को रोकने का फैसला सुनाया।
बसीरहाट पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने कहा कि उनके कार्यालय को सभा की जानकारी थी, लेकिन जरूरी दस्तावेज सोमवार रात ही जमा किए गए, जो समय पर नहीं माने जा सकते। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी जाती है। ऐसे में सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखना जरूरी है।
भाजपा का दावा
भाजपा के बसीरहाट संगठनात्मक जिले के अध्यक्ष तापस घोष ने पुलिस के इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास दस्तावेज हैं, जो साबित करते हैं कि सभी कागजात समय पर जमा किए गए थे और पुलिस ने उन्हें प्राप्त भी किया था। सन्देशखाली के लोग शुभेंदु अधिकारी की बात सुनने को उत्सुक हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल और प्रशासन ऐसा नहीं चाहते।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को संदेशखाली में एक जनसभा को संबोधित किया था। यह सभा उस क्षेत्र में महिलाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद आयोजित की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शहजहान और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और अवैध भूमि कब्जाने के आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री ने अपनी सभा में कहा कि संदेशखाली में ‘पैसे का खेल’ हुआ। लोगों को गुमराह किया गया। लेकिन झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिकता। मैं आप सबसे अनुरोध करती हूं कि एकजुट रहें और शरारती लोगों के झांसे में न आएं।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर शुभेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा था कि वे मंगलवार को अपनी सभा में इन आरोपों का जवाब देंगे। हालांकि, पुलिस द्वारा सभा रद्द करने के बाद यह संभव नहीं हो सका। संदेशखाली में इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है और विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया है।