नई दिल्ली, 20 दिसंबर । केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार भारत ने 2.0 की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्राप्त कर ली है।

शुक्रवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 (2.1 का टीएफआर) के अनुरूप है।

उन्होंने परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं को भी सूचीबद्ध किया। इसमें विस्तारित गर्भनिरोधक विकल्प शामिल हैं, जिसमें कंडोम, संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां, अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी) और लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली नसबंदी शामिल हैं।

अनुप्रिया पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम), राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वय समिति (एनपीसीसी) की बैठकों, राष्ट्रीय समीक्षा बैठकों, क्षेत्र निगरानी यात्राओं और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के माध्यम से निरंतर आधार पर की जाती है। देश में परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए विस्तारित गर्भनिरोधक विकल्पों में कंडोम, संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां, अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी) और नसबंदी शामिल है, जो लाभार्थियों को प्रदान किए जाते हैं। गर्भनिरोधक के उपायों में नए गर्भनिरोधकों के साथ भी विस्तारित किया गया है, इनमें इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक एमपीए और सेंट्रोमैन शामिल है।

मिशन परिवार विकास को सात उच्च-केंद्रित राज्यों और छह पूर्वोत्तर राज्यों में गर्भनिरोधक और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच में सुधार करने के लिए लागू किया गया है।

सरकार स्वस्थ समय और गर्भधारण के अंतराल के बारे में जागरूकता बढ़ाकर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके और प्रजनन क्षमता को प्रबंधित करने के लिए राज्यों द्वारा उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (पीआईपी) में प्रस्तावित बजट को मंजूरी देकर क्षेत्रों में प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तरों को प्राप्त करने और बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करती है।