कोलकाता, 7 दिसंबर । तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए ऋतव्रत बंद्योपाध्याय को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट जवाहर सरकार के इस्तीफे के बाद से खाली थी। जवाहर सरकार ने सितंबर में आर.जी. कर अस्पताल कांड के विरोध में राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।
तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस घोषणा के साथ लिखा, “आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए ऋतव्रत बंद्योपाध्याय को उम्मीदवार घोषित किया जा रहा है। उन्हें हमारी हार्दिक शुभकामनाएं। हमें उम्मीद है कि वह राज्यसभा में तृणमूल की विरासत को आगे बढ़ाएंगे और हर भारतीय के अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे।”
पार्टी के महासचिव अभिषेक बंद्योपाध्याय ने भी ऋतव्रत को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “ऋतव्रत इस सम्मान के योग्य हैं। उन्होंने पूरे राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने और ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं के लिए निरंतर मेहनत की है। मेहनत का फल जरूर मिलता है।”
जवाहर सरकार ने आर.जी. कर अस्पताल के घटनाक्रम से व्यथित होकर ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने लिखा था, “मैंने धैर्यपूर्वक आर.जी. कर अस्पताल की घटना पर सबकी प्रतिक्रिया देखी है। लेकिन आप, जो कभी अपनी सक्रियता के लिए जानी जाती थीं, क्यों इस मुद्दे पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर रही हैं? सरकार की कार्रवाई देरी से हुई और अपर्याप्त है।” उनके इस पत्र ने तृणमूल कांग्रेस को राजनीतिक असुविधा में डाल दिया था।
ऋतव्रत बंद्योपाध्याय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एसएफआई (सीपीएम की छात्र शाखा) के नेता के रूप में की थी। वे अशुतोष कॉलेज में पढ़ाई के दौरान एसएफआई के राष्ट्रीय महासचिव बने और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के करीबी माने जाते थे। 2014 में, सीपीएम ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। हालांकि, 2017 में कुछ विवादों के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
इसके बाद, ऋतव्रत ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद, उन्हें तृणमूल की मजदूर इकाई आईएनटीटीयूसी का राज्य अध्यक्ष बनाया गया। संगठन में अपनी भूमिका निभाने के बाद अब पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है।