कोलकाता, 20 नवंबर । राशन घोटाले के मुख्य आरोपित बकिबुर रहमान ने दुबई यात्रा के लिए अनुमति मांगी है। बकिबुर ने कोलकाता के बैंकशाल अदालत में बुधवार को आवेदन किया, जिसमें उन्होंने व्यावसायिक जरूरतों और अपने विदेश में रह रहे बच्चों से मिलने का हवाला दिया। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि विदेश में कुछ दस्तावेजों के नवीनीकरण के लिए उनका वहां जाना जरूरी है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी विदेश यात्रा पर कड़ी आपत्ति जताई है। ईडी ने अदालत को लिखित रूप में बताया कि बकिबुर को विदेश जाने की अनुमति देने से जांच में बाधा आ सकती है।

ईडी के अनुसार, यह मामला वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है और बकिबुर का पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के साथ संबंध होने के सबूत मिले हैं।

दरअसल पिछले साल 13 अक्टूबर को ईडी ने बकिबुर रहमान को राशन घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उनके उत्तर 24 परगना के देगंगा में स्थित चावल मिल और अन्य कारोबार के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया। ईडी ने उनके घर और चावल मिल से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर बकिबुर की दुबई से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों की भी जांच हो रही है।

बकिबुर को इस साल अगस्त में विशेष ईडी अदालत से जमानत मिली थी। जमानत के तीन महीने बाद उन्होंने दुबई जाने के लिए अदालत का रुख किया। दिलचस्प बात यह है कि इसी घोटाले में आरोपित विश्वजीत दास को अदालत ने पहले ही विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है। अब बकिबुर के मामले में अदालत का फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ईडी का मानना है कि बकिबुर की दुबई यात्रा से मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। एजेंसी का दावा है कि बकिबुर और ज्योतिप्रिय मल्लिक के बीच वित्तीय लेन-देन की जांच अभी चल रही है। ईडी ने यह भी कहा कि राशन घोटाले में दुबई कनेक्शन की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

अदालत के इस मामले में फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं। अगर बकिबुर को विदेश जाने की अनुमति मिलती है, तो ईडी की जांच के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।