नई दिल्ली, 6 नवंबर। देश में कानूनी रूप से गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह मना रहा है। इस वर्ष इसका विषय है “पालक देखभाल और पालन-पोषण के माध्यम से बड़े बच्चों का पुनर्वास।”
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से बुधवार को बताया गया कि जागरुकता माह में बड़े पैमाने पर जनता को शामिल करने, गोद लेने के बारे में जानकारी प्रसारित करने और गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए महीने के दौरान विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) ने गोद लेने से संबंधित मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए अन्य कार्यक्रमों के साथ-साथ एक मेगा अभियान की योजना बनाई है, जिसमें उन बच्चों को गोद लेने पर जोर दिया जाएगा जो अधिक उम्र के हैं। पिछले वर्षों की तरह, इस बार का अभियान विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑफ़लाइन और ऑनलाइन गतिविधियों में विभाजित है। लद्दाख, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्य इस वर्ष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि इस अभियान के एक भाग के रूप में 21 नवंबर को लखनऊ में एक बड़ा आयोजन होगा।
मंत्रालय के अनुसार भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी), दत्तक माता-पिता, वृद्ध दत्तक ग्रहणकर्ता और अन्य हितधारक एक-दूसरे के साथ बातचीत करेंगे और गोद लेने पर अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे। इंटरैक्टिव सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और हितधारकों के साथ प्रश्नोत्तरी इस मेगा अभियान के कुछ कार्यक्रम मुख्य आकर्षण हैं।
उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत आने वाला केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) देश में कानूनी रूप से गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए नवंबर को राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह के रूप में मनाता है।