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लुधियाना, 01 नवंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को कहा कि उनके और उनकी सरकार के खिलाफ किसी ठोस मुद्दे के अभाव में विपक्षी दलों के नेता राज्य के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिये आयोजित ‘मैं पंजाब बोलदा हां’ बहस से भाग गये।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा कि पिछले 25 दिनों की ‘तैयारी छुट्टियों’ के दौरान ये नेता उनके या उनकी सरकार के खिलाफ एक भी चीज ढूंढ़ नहीं पाये, जिसके कारण वे ‘मैं पंजाब बोलदा हां’ बहस में पंजाब से संबंधित मुद्दों पर सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर इन नेताओं को लोगों ने सत्ता से बाहर कर दिया है तो यह उन्हें राज्य के खिलाफ सभी अपराधों से बरी नहीं कर देता है। उन्होंने कहा कि जब भी ये नेता लोगों के पास आयें तो उनसे जरूर पूछें कि वे पंजाब के मुद्दों पर इस बहस से क्यों भाग गये। चूंकि इन नेताओं ने राज्य में लंबे समय तक सत्ता का आनंद लिया है, इसलिए वे राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।

मान ने कहा कि इन नेताओं को बहस के लिये इसलिये बुलाया गया था, ताकि इनमें से हर कोई अपना पक्ष मंच पर रख सके। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने यहां आने के बजाय फालतू कारण बताकर चर्चा में शामिल न होने को प्राथमिकता दी है, लेकिन वह इन लोगों को भागने नहीं देंगे और उनके हर अपराध को प्रदेश की जनता के सामने उजागर करेंगे।

मुख्यमंत्री ने इन नेताओं पर राज्य के लोगों को गुमराह करने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि इन नेताओं के पूर्वजों ने एसवाईएल के निर्माण के इस अक्षम्य अपराध में शामिल होकर पंजाब और इसकी युवा पीढ़ी के सामने कांटे बोये हैं। उन्होंने कहा कि इन स्वार्थी राजनीतिक नेताओं ने अपने निहित स्वार्थों की खातिर इस नहर के निर्माण पर सहमति दी, योजना बनाई और क्रियान्वित किया।

उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ (सुनील जाखड़ के पिता) कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ कपूरी में एसवाईएल का भूमि पूजन करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ आये थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने इस नहर के सर्वेक्षण की अनुमति देने के लिए पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के हाथ राज्य के खिलाफ इस अपराध से रंगे हुए हैं और इतिहास उन्हें पंजाब की पीठ में छुरा घोंपने के लिए कभी माफ नहीं करेगा।

मान ने कहा कि यह बहस पंजाब के इतिहास में एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में दर्ज की जाएगी कि पंजाब को अब तक किसने और कैसे लूटा है, भाई-भतीजावाद, पक्षपात, टोल प्लाजा, युवा, कृषि, व्यापार-दुकानदार, अपवित्रीकरण, नदी जल और अन्य सभी मुद्दों पर पारंपरिक राजनीतिक दलों के नेताओं ने पंजाब को धोखा दिया है।