नयी दिल्ली, 01 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सोच के साथ भारत एवं बंगलादेश के बीच विकास साझीदारी के 10 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ साझा प्रयासों से बंगबंधु के ‘सोनार बंगलादेश’ का विज़न साकार होगा।
मोदी ने बंगलादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती हसीना के साथ वीडियो लिंक के माध्यम से भारत एवं बंगलादेश के साझा सहयोग से बनी तीन परियोजनाओं के संयुक्त रूप से लोकार्पण के अवसर पर समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी भी लिंक से जुड़े रहे।
प्रधानमंत्री ने भारत-बंगलादेश सहयोग की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संबंध निरंतर नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में हमने मिलकर जितना काम किया है, इतना काम कई दशकों में भी नहीं हुआ था। हमने सीमा पर शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के लिए, दशकों से लंबित, भूमि सीमा करार किया और समुद्री सीमा विवाद को भी सुलझाया। दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के विकास पर विशेष बल दिया।
बीते नौ वर्षों में भारत बंगलादेश सहयोग के बिन्दुओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में तीन नई बस सेवाएं शुरू की की गई हैं। इससे ढाका, अगरतला, शिलांग, गुवाहाटी, और कोलकता को आपस में जोड़ा गया और इस दौरान तीन नई रेल सेवाएं भी शुरू की गईं। वर्ष 2020 से भारत-बंगलादेश के बीच कंटेनर और पार्सल ट्रेनें भी चल रही हैं। पिछले 9 वर्षों में अंतर्देशीय जलमार्ग को यात्री एवं मालवहन यातायात के लिए विकसित किया गया। इसी रास्ते से बंगलादेश से त्रिपुरा के लिए निर्यात का रास्ता खुल गया है। विश्व का सबसे बड़ा क्रूज़ – गंगा विलास – भारत और बंगलादेश के बीच शुरू होने से पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में चटगांव और मंगला बंदरगाहों के रास्ते से भारत के उत्तर पूर्व के राज्यों को जोड़ा गया है। हमारी कनेक्टिविटी पहल ने, कोविड महामारी के दौरान जीवनरेखा का काम किया। “ऑक्सीजन एक्सप्रेस” ने चार हज़ार टन से ज्यादा तरल मेडिकल ऑक्सीजन भारत से बंगलादेश पहुंचाई। पिछले 9 सालों में, भारत-बंगलादेश सीमा क्षेत्र पर, चार नयी आव्रजन जांच चौकियां खोली गयीं हैं और, पिछले 9 वर्षों में हमारा आपसी व्यापार लगभग तीन गुना हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 9 वर्षों की यात्रा में, आज ”अखौरा-अगरतला रेल लिंक” उसका उद्घाटन भी एक ऐतिहासिक पल है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से बंगलादेश का ये पहला रेल लिंक है। त्रिपुरा का बंगलादेश के साथ मुक्ति संग्राम के समय से गहरा नाता रहा है। इस लिंक के माध्यम से, पूर्वोत्तर भारत के राज्य, बंगलादेश के बंदरगाहों से भी जुड़ेंगे। ‘खुलना-मंगला बंदरगाह रेल लाइन’ इसके बनने से अब बंगलादेश का मंगला बंदरगाह, रेल के रास्ते ढाका और कोलकाता व्यापारिक केन्द्र से जुड़ गया है।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि आज हमने ‘मैत्री तापविद्युत परियोजना’ की दूसरी यूनिट का उद्घाटन किया। पिछले 9 वर्षों में, हमारे विद्युत एवं ऊर्जा सहयोग में यह एक नई कड़ी है। वर्ष 2015 से, 160 मेगावाट बिजली, त्रिपुरा से बंगलादेश जा रही है। पिछले वर्ष, हमने मैत्री तापविद्युत संयंत्र के पहले यूनिट का अनावरण किया था। इसी वर्ष, मार्च में, दोनों देशों के बीच पहली सीमापार हाई स्पीड डीजल पाईपलाइन का उद्घाटन किया गया। हमारे आपसी सहयोग से बंगलादेश की ऊर्जा सुरक्षा को बल मिला है। ऊर्जा क्षेत्र में बंगलादेश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ है। यही नहीं, इस वर्ष उपक्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए भारत, बंगलादेश और नेपाल के बीच बिजली के आदान-प्रदान पर भी सहमति बनी है।”
मोदी ने कहा कि हमने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की हमारी सोच को बंगलादेश जैसे अपने निकटतम पड़ोसी मित्र के लिए भी प्रासंगिक माना है। बंगलादेश का सबसे बड़ा विकास साझीदार होने पर हम गौरवान्वित महसूस करते हैं। पिछले 9 वर्षों में, विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए लगभग 10 अरब डॉलर की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी उपलब्धियों की सूची इतनी बड़ी है कि, उसकी व्याख्या करते हुए पूरा दिन निकल जाए। हमने साथ मिल कर पुराने, रुके हुए काम तो पूरे किए ही हैं। लेकिन आज के कार्यक्रम की एक और विशेषता है। आज जिन तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, उनका निर्णय भी हमने लिया था, और इन्हें लोगों को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमें ही मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे संयुक्त प्रयासों की सफलता के लिए मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना का विशेष रूप से आभार प्रकट करता हूँ। आपके ‘स्मार्ट बंगलादेश’ को आगे बढ़ाने में भारत पूरा सहयोग देता रहेगा। मुझे खुशी है कि बंगलादेश के 12 जिलों में 12 आई-टी पार्क बनाने में भारत सहयोग दे रहा है। फिनटेक के क्षेत्र में, दोनों देशों के पेमेंट गेटवेज़ को जोड़ने के लिए भी सहमति बनी है। मेरा पूर्ण विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से, बंगबंधु के ‘सोनार बंगलादेश’ का विजन साकार होगा।”
अखौरा-अगरतला सीमा पार रेल सम्पर्क परियोजना भारत सरकार द्वारा बंगलादेश को दी गई 392.52 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत तैयार की गई है। बंगलादेश में 6.78 किलोमीटर लंबी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ रेल सम्पर्क की कुल लंबाई 12.24 किलोमीटर है।
खुलना-मंगला बंदरगाह रेल लाइन परियोजना भारत सरकार की रियायती ऋण सुविधा के तहत 38.892 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से तैयार की गई है। इस परियोजना में मंगला बंदरगाह और खुलना में मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच लगभग 65 किलोमीटर ब्रॉडगेज रेल मार्ग का निर्माण शामिल है। इसके साथ ही बंगलादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह, मंगला, ब्रॉडगेज रेलवे नेटवर्क से जुड़ गया है।
इसी तरह से 1.6 अरब अमरीकी डालर के भारतीय रियायती वित्तपोषण योजना ऋण के अंतर्गत मैत्री सुपर ताप विद्युत परियोजना, बंगलादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल स्थित 1320 मेगावाट (2गुणा660) का सुपर ताप विद्युत संयंत्र (एमएसटीपीपी) लगाया गया है। यह परियोजना बंगलादेश-भारत मैत्री पावर कंपनी (प्राइवेट) लिमिटेड (बीआईएफपीसीएल) द्वारा कार्यान्वित की गई है, जो भारत की एनटीपीसी लिमिटेड और बंगलादेश विद्युत विकास बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच 50:50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है। मैत्री सुपर ताप विद्युत संयंत्र की इकाई-1 का सितम्बर 2022 में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से अनावरण किया गया था और इकाई-2 का उद्घाटन आज किया गया। मैत्री सुपर थर्मल बिजली संयंत्र के संचालन से बंगलादेश में ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी।