कोलकाता, 09 अक्टूबर । महानगर कोलकाता में दुर्गा पूजा घूमने वालों का जनसैलाब यूं तो रविवार से ही सड़कों पर उमड़ने लगा है लेकिन पंचमी यानी मंगलवार की रात उमड़ी भीड़ ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए ।

लाखों की संख्या में लोग अपने अपने परिजनों, दोस्तों रिश्तेदारों और साथी- मित्रों के साथ कोलकाता में विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों को घूमने के लिए पहुंच गए हैं। डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच इस साल मोहम्मद अली पार्क, भूकैलाश, तारा सुंदरी पार्क, भवानीपुर 75 पल्ली, सुरुचि संघ, श्री भूमि पूजा कमेटी, एकडलिया पूजा क्लब समेत साल्ट लेक के कई पूजा आयोजकों की ओर से बड़े पैमाने पर भव्य दुर्गा पूजा पंडाल बनाए गए हैं। इन्हें देखने के लिए पंचमी की रात पूरी राजधानी लोगों के जनसैलाब से पटी नजर आई। इस बीच लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने भी पहले से ही काफी सतर्कता बरती है।

पूजा घूमने वालों के लिए कोलकाता के राजपथ यानी रेड रोड से लेकर सभी प्रमुख सड़कों को पुलिस ने दोनों ओर से 10-10 फीट लकड़ी से घेरकर एक अलग गलियारा तैयार किया है। इन गलियारों से ही लोग पंडालों तक पहुंचेंगे और पंडालों के निकासी द्वार से निकल कर इन्हीं गलियारों से राजधानी के दूसरे क्षेत्रों में बने पूजा पंडालों तक पहुंचेंगे। पुलिस की इस विशेष व्यवस्था की वजह से कोलकाता में यातायात सामान्य है। लगभग सभी पंडालों के आगे एक से डेढ़ किलोमीटर की लंबी लाइन लगी हुई है। दर्शनार्थी दो दो घंटे इंतजार करने के बाद एक पूजा पंडाल का दर्शन कर पा रहे हैं।
हावड़ा और सियालदह मंडल की ट्रेनों में भी भारी भीड़ उमड़ रही है।

भीड़ का आलम ऐसा है कि बैंडल से लेकर हावड़ा तक एक के बाद एक ट्रेन गुजरती जा रही है लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते लोग चढ़ नहीं पा रहे हैं। महानगर की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो में भी भीड़ का यही आलम है। यहां टिकट काउंटरों पर भी एक साथ सैकड़ों लोगों की लाइन लग रही है।
इस भीड़ के बीच जेब कतरो की भी चांदी हो गई है।

आपदा प्रबंधन, नगर निगम और सिविक वॉलिंटियरों की टीम भी लोगों को व्यवस्थित तरीके से राजधानी में पूजा घूमने में मदद कर रही हैं। कोलकाता में कमोबेश तीन हजार से अधिक पूजा पंडाल बने हुए हैं। पूरी राजधानी रोशनी से नहाई है।

चप्पे-चप्पे पर महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों की टीम तैनात है और गश्त भी लगा रही है। भीड़ के बीच हुड़दंग मचाने वालों पर पुलिस ने तो नजर रखी ही है, साथ ही पूजा आयोजकों की ओर से भी स्वयंसेवकों को तैनात  किया गया है जो पुलिस के साथ सामंजस्य बनाकर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सुरक्षित पंडाल में प्रवेश और निकास में सहयोग कर रहे हैं।