कोलकाता, 02 अक्टूबर । भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी के एक दुस्साहसिक प्रयास को विफल करते हुए सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक विदेशी प्रजाति के जानवर अल्पाका को बचाया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बानपुर सीमा चौकी (बीओपी) के जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। अल्पाका को तस्करी करके बांग्लादेश से भारत में लाने का प्रयास किया जा रहा था।

अल्पाका,  पेरू के एंडीज पर्वत क्षेत्र में पाया जाता है। यह अपनी कीमती ऊन के लिए प्रसिद्ध है और भारत में बहुत दुर्लभ है। इसे बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत लाने की कोशिश की जा रही थी। बीएसएफ के जवानों ने सीमा पर संदिग्ध गतिविधि का पता चलने के बाद तेजी से कार्रवाई की और इस तस्करी के प्रयास को नाकाम कर दिया।

बीएसएफ ने बुधवार शाम जारी बयान में बताया है कि घटना बीओपी बानपुर में ड्यूटी की दूसरी शिफ्ट के दौरान हुई, जब बीएसएफ कर्मियों ने सीमा बाड़ के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियों को देखा। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने देखा कि तीन बांग्लादेशी तस्कर बांस की सीढ़ी का उपयोग करके अल्पाका को सीमा बाड़ के ऊपर से भारत में लाने की कोशिश कर रहे थे, जबकि चार भारतीय तस्कर इसे सीमा के इस पार लेने के लिए तैयार खड़े थे। बीएसएफ के जवानों ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी जारी की और हवा में फायरिंग की, जिससे बांग्लादेशी तस्कर सीढ़ी और अल्पाका को छोड़कर भाग गए। भारतीय तस्कर भी मौके से भागने में कामयाब रहे और पास के आम के बागानों में छिप गए।

बचाए गए अल्पाका को वन विभाग को सौंप दिया गया है, ताकि उसे उचित देखभाल और पुनर्वास मिल सके।

बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी डीआईजी एन.के. पांडे ने जवानों के इस साहसिक और त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन बीएसएफ की सीमाओं और वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अल्पाका की यह तस्करी वन्यजीव अपराध के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी जीत है और हमारी सुरक्षा व्यवस्था की कुशलता को दर्शाती है। बीएसएफ हमेशा सीमा पर होने वाली किसी भी अवैध गतिविधि के खिलाफ कड़ी नजर रखेगा और आवश्यक कदम उठाएगा।