कोलकाता, 02 अक्टूबर। आरजी कर अस्पताल में एक युवती डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या का असर अब शारदोत्सव के दौरान भी देखा जा रहा है। महालया के दिन हुए विरोध प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि दुर्गापूजा के दौरान भी विरोध के स्वर जारी रहेंगे। इसी पृष्ठभूमि में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने एक रणनीतिक फैसला लिया है कि इस बार दुर्गापूजा के उद्घाटन समारोहों में कोई भी केंद्रीय नेता या मंत्री हिस्सा नहीं लेंगे।
हालांकि, राज्य के बीजेपी नेता और मंत्री इसमें शामिल हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में दो मंत्री हैं – एक राज्य बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और दूसरे बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर। इन दोनों को अपने क्षेत्रों में दुर्गापूजा के उद्घाटन की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी के अन्य विधायकों व सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में दुर्गापूजा के उद्घाटन का अवसर दिया जाएगा।
पिछले साल कोलकाता के प्रसिद्ध संतोष मित्र स्क्वायर में राम मंदिर की तर्ज पर बनाए गए दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। इस बार इस दुर्गापूजा के लिए कोई उद्घाटन समारोह आयोजित नहीं किया जा रहा है। शुरुआत में यह चर्चा थी कि अमित शाह या बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा इस पंडाल का उद्घाटन करेंगे लेकिन आरजी कर कांड के बाद यह योजना रद्द कर दी गई। इस आयोजन के कर्बीकर्ता-धर्ता स्थानीय पार्षद सजल घोष ने बुधवार को बताया, “इस बार कोई उद्घाटन समारोह नहीं होगा। गुरुवार से पंडाल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।”
पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी शहर में नंदनिक क्लब की दुर्गापूजा का आयोजन (शुभेंदु) अधिकारी परिवार करता है। कांथी के सांसद और शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी इस पूजा के प्रमुख आयोजक हैं। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, पूजा समिति ने केंद्रीय मंत्री से उद्घाटन के लिए अनुरोध किया था, लेकिन सौमेंदु ने इसे तुरंत खारिज कर दिया। इसके बदले छह अक्टूबर को इस पूजा का उद्घाटन राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस करेंगे।