कोलकाता, 01 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में चार साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया था। तंत्र साधना के नाम पर इस निर्दोष बच्ची का दुष्कर्म कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य अपराध में शामिल तांत्रिक को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि बच्ची की दादी, जिसने इस वारदात में अपनी पोती को तांत्रिक के हवाले किया था, उसे उम्रकैद की सजा दी गई है।
यह दर्दनाक घटना 2018 में आरामबाग उपखंड क्षेत्र में घटी थी, जब बच्ची की दादी ने सिद्धि प्राप्ति के लिए उसे एक तांत्रिक दंपति के पास ले जाने का निर्णय लिया। तांत्रिक ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, हत्या के बाद बच्ची के शव को पड़ोसी के घर के पास बने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया। जब बच्ची घर नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता ने उसकी खोज शुरू की और अंततः पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के दौरान सेप्टिक टैंक से बच्ची का शव बरामद किया और तांत्रिक दंपति तथा बच्ची की दादी को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में मंगलवार को आरामबाग उपखंड अदालत के न्यायाधीश कृषाणकुमार अग्रवाल ने फैसला सुनाते हुए तांत्रिक को फांसी की सजा सुनाई। वहीं, बच्ची की दादी को उम्रकैद की सजा दी गई।
अदालत के अनुसार, 2024 की शुरुआत में, फरवरी महीने में, तांत्रिक की जेल में ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उसकी पत्नी, जो इस अपराध में शामिल थी, को फांसी की सजा दी गई है। अदालत ने दोषियों पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है और बच्ची के परिवार को तीन लाख रुपये की सरकारी सहायता देने का आदेश दिया है। दोषियों के वकील ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।