कोलकाता, 24 सितंबर । तृणमूल कांग्रेस के दबंग नेता अनुब्रत मंडल, जिन्हें ‘केष्टो’ भी कहा जाता है, जेल से रिहा होकर अपने गढ़ बोलपुर लौट आए हैं। लेकिन लौटते ही उन्होंने अपने पुराने अंदाज में वापसी की और उन नेताओं से दूरी बनाए रखी, जिन्होंने उनके मुश्किल समय में उनसे दूरी बना ली थी। उनकी वापसी पर कई नेता उनसे मिलने पहुंचे, लेकिन अनुब्रत ने उन्हें मिलने का मौका नहीं दिया। खासकर उन नेताओं को, जिन्होंने उनके जेल में रहते हुए उनसे संपर्क तोड़ लिया था, उन्होंने उनके साथ बातचीत करने का कोई मौका नहीं दिया।
2022 से लेकर 2024 तक अनुब्रत मंडल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। इस दौरान कुछ नेता उनसे मिलने गए थे और उनके साथ पार्टी की गतिविधियों की जानकारी साझा करते रहे। वहीं, कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने उनकी गिरफ्तारी के बाद उनसे दूरी बना ली थी। अनुब्रत ने उन नेताओं को अपने घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। खासकर मंत्री और बोलपुर के विधायक चंद्रनाथ सिन्हा और सिउड़ी के विधायक बिकाश रायचौधरी को उनके सुरक्षा कर्मियों ने घर में प्रवेश करने से रोक दिया।
हालांकि, नलहाटी के विधायक राजेंद्र सिंह और नानूर के पूर्व विधायक गदाधर हाजरा जैसे नेताओं के साथ अनुब्रत ने खुलकर बातचीत की। लेकिन जिन नेताओं ने गाय तस्करी मामले में उनके खिलाफ बयान दिए थे, उन पर कड़ा रुख अपनाया। इसके पीछे एक और कारण भी है। अनुब्रत को इस शर्त पर जमानत मिली है कि वे किसी भी गवाह से बात नहीं करेंगे, संभवतः इसी कारण से उन्होंने चंद्रनाथ सिन्हा और अन्य नेताओं को नजरअंदाज किया।